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सावधान! ‘मैं रोबोट नहीं हूं’ पर क्लिक करने से पहले रुकें, AI की मदद से हो रही है ऑनलाइन ठगी

एक नई रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि साइबर ठग अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करके लोगों को चकमा दे रहे हैं, जिसमें ‘मैं रोबोट नहीं हूं’ वाले नकली पेज भी शामिल हैं।

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एक नई रिपोर्ट ने बताया कि साइबर ठग अब नए तरीके से लोगों को चकमा दे रहे हैं। वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करके फर्जी कैप्चा पेज बना रहे हैं। ये पेज वर्सेल, नेटलिफाई और लवएबल जैसे मुफ्त वेबसाइट प्लेटफॉर्म पर बनाए जाते हैं। ये देखने में बिल्कुल असली लगते हैं, लेकिन इनका काम आपका पासवर्ड, बैंक डिटेल्स या निजी जानकारी चुराना है। जनवरी से अगस्त 2025 तक ऐसे फ्रॉड बहुत बढ़ गए हैं। लोग आसानी से इनके जाल में फंस रहे हैं।

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ठगी का तरीका

साइबर ठग पहले फर्जी ईमेल भेजते हैं। इनमें पासवर्ड बदलने, डिलीवरी अपडेट करने या जरूरी सूचना जैसे मैसेज होते हैं। जब आप ईमेल के लिंक पर क्लिक करते हैं, तो एक ऐसा पेज खुलता है जो ‘मैं रोबोट नहीं हूं’ वाले कैप्चा जैसा दिखता है। जैसे ही आप इस बटन को दबाते हैं, यह आपको एक फर्जी फॉर्म पर ले जाता है। इस फॉर्म में पासवर्ड, ओटीपी या कार्ड की जानकारी मांगी जाती है। लोग सोचते हैं कि यह साधारण सिक्योरिटी चेक है, लेकिन असल में उनकी जानकारी चोरी हो जाती है।

AI की मदद से फ्रॉड

रिपोर्ट बताती है कि ठग AI की मदद से वर्सेल, नेटलिफाई और लवएबल पर आसानी से नकली पेज बना रहे हैं। लवएबल पर ‘वाइब कोडिंग’ से बिना ज्यादा मेहनत के फर्जी कैप्चा तैयार हो रहे हैं। ये प्लेटफॉर्म मुफ्त हैं और इनके वेब एड्रेस पर लोग भरोसा करते हैं। इसलिए ठग आसानी से लोगों को बेवकूफ बना लेते हैं। जनवरी से अगस्त 2025 तक वर्सेल पर 52, लवएबल पर 43 और नेटलिफाई पर 3 फर्जी पेज पकड़े गए। ये पेज इतने चालाकी से बनाए जाते हैं कि इन्हें पकड़ना मुश्किल होता है।

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कैसे काम करता है यह धोखा

ये फर्जी कैप्चा पेज इतने स्मार्ट तरीके से बनाए जाते हैं कि लोग इन्हें असली समझ लेते हैं। जब आप कैप्चा भरते हैं, तो आपको लगता है कि यह सामान्य जांच है। लेकिन इसके पीछे छिपा फॉर्म आपकी जानकारी चुराने के लिए होता है। ठग इन पेजों को जल्दी बनाकर कई लोगों को एक साथ निशाना बनाते हैं। ये पेज सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को भी चकमा दे देते हैं, क्योंकि सॉफ्टवेयर सिर्फ कैप्चा को देखता है, न कि उसके पीछे के फॉर्म को। इससे ठग आसानी से पासवर्ड और डिटेल्स चुरा लेते हैं।

कौन बनता है शिकार

ऐसे फ्रॉड उन लोगों को ज्यादा निशाना बनाते हैं जो ऑनलाइन बैंकिंग, शॉपिंग या सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। जो लोग जल्दबाजी में ईमेल लिंक पर क्लिक करते हैं, वे आसानी से फंस जाते हैं। फरवरी से अप्रैल और फिर अगस्त 2025 में ऐसे हमले बहुत बढ़े। ठग बड़े नामों जैसे माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक या क्रिप्टोकरेंसी सर्विसेज के नाम पर फर्जी पेज बनाते हैं। इससे लोग भरोसा कर लेते हैं और अपनी जानकारी दे देते हैं।

बचाव के आसान तरीके

लोगों को सलाह है कि किसी भी ईमेल लिंक पर क्लिक करने से पहले भेजने वाले का ईमेल और वेबसाइट का यूआरएल जांच लें। बैंक या ऑनलाइन सर्विस के लिए हमेशा उनकी असली वेबसाइट या ऐप इस्तेमाल करें। अपने अकाउंट में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू रखें। किसी भी संदिग्ध पेज पर पासवर्ड, ओटीपी या कार्ड की जानकारी न दें। अगर कोई पेज फर्जी लगे, तो उसका स्क्रीनशॉट लेकर पुलिस या साइबर क्राइम सेल में शिकायत करें।

KeywordsFake Captcha Phishing, AI Cybercrime, Online Security, Vercel Phishing, Netlify Fraud

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