दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को चुनाव आयोग की ओर से नोटिस जारी किया गया है, क्योंकि वह दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों—नई दिल्ली और जंगपुरा—में दो अलग-अलग EPIC (Electors Photo Identity Card) नंबरों के साथ रजिस्टर पाए गए हैं। यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत एक गंभीर अपराध माना जाता है। DEO (जिला निर्वाचन अधिकारी) की ओर से सोशल मीडिया पर जारी किए गए नोटिस में पवन खेड़ा को 8 सितंबर, 2025 को सुबह 11 बजे तक जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं।
विपक्ष पर कार्रवाई, सत्ता पक्ष पर चुप्पी क्यों?- कांग्रेस
नोटिस सार्वजनिक होने के कुछ देर बाद ही कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया X पर अपना पक्ष साझा किया। उन्होंने लिखा- “जब हमारी वोट चोरी की शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया जाता है, तब चुनाव आयोग विपक्षी नेताओं के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करता है।” खेड़ा ने यह भी सवाल उठाया कि कर्नाटक में 1 लाख फर्जी वोटर मिलने के बावजूद किसी पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई, जबकि यह मामला लोकसभा में विपक्ष नेता राहुल गांधी पहले ही उठा चुके हैं।
खेड़ा की सफाई: “मैंने 2016–17 में ही हटवाने की अपील की थी”
इस मामले पर पवन खेड़ा ने कहा कि उन्हे इस दोहरे रजिस्ट्रेशन की जानकारी सबसे पहले बीजेपी नेता अमित मालवीय की पोस्ट से मिली। खेड़ा ने बताया कि उन्होंने 2016–17 में ही एक वोटर आईडी हटवाने का आवेदन किया था, लेकिन चुनाव आयोग ने शायद उस पर कार्रवाई नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरी स्थिति के लिए चुनाव आयोग की लापरवाही जिम्मेदार है और भाजपा पर निशाना साधते हुए पूछा कि EC ने खुद यह जांच क्यों नहीं की कि उनका नाम दो जगह पंजीकृत है।
राजनीतिक असर: चुनावी यात्रा बनाम विवाद
जहां एक ओर विपक्ष बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहा है, वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पर दो वोटर कार्ड रखने का आरोप लगना एक राजनीतिक विवाद को जन्म दे सकता है। अब देखना यह होगा कि बिहार की जनता इस घटनाक्रम को किस नजर से देखती है, और क्या यह मामला आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में किसी राजनीतिक दल के पक्ष या विपक्ष में माहौल बना पाता है।
Keywords – Bihar Election 2025, EC Issues Notice To Pawan Khera