बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में टिकट बंटवारे को लेकर बड़ी हलचल शुरू हो गई है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ऐसे विधायक जिनकी उम्र 70 साल से ऊपर है, उनका टिकट इस बार काटा जा सकता है।
भाजपा ने 2020 के विधानसभा चुनाव में जीते हुए विधायकों की परफॉर्मेंस का रिव्यू किया है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी का पूरा फोकस परफॉर्मेंस, उम्र और छवि पर है। इसी वजह से कई पुराने चेहरों की जगह नए उम्मीदवारों को मौका देने की तैयारी है।
सूत्रों के अनुसार, इस बार सबसे ज्यादा नाम चंपारण क्षेत्र के विधायकों का कट सकता है। चंपारण भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है, लेकिन कई विधायकों की परफॉर्मेंस को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। पार्टी हाईकमान इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहता।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 28 तारीख को पटना आ रहे हैं। वे यहां पार्टी नेताओं के साथ अहम बैठक करेंगे। बताया जा रहा है कि इस बैठक में टिकट वितरण और उम्मीदवारों की सूची पर गंभीर मंथन होगा।
अमित शाह के साथ इस बैठक में भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, सह प्रभारी केशव प्रसाद मौर्य और सी.आर. पाटिल भी मौजूद रहेंगे। पटना के अलावा सराय रंजन और फारबिसगंज में भी संगठनात्मक बैठकें प्रस्तावित हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस बार चुनाव में भाजपा का फॉर्मूला साफ है। 70 साल से ऊपर उम्र वाले नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा। 2020 में जीते विधायकों की कार्यशैली का आकलन होगा।
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए का लक्ष्य 200 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करना है। इसके तहत सभी पार्टी अपने ज़ितउ उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतरना चाह रही है। ऐसे में भाजपा का रिव्यू का काम केंद्रीय नेतृत्व के माध्यम से शुरू हो गया है। प्रत्येक कैंडिडेट के फीडबैक कई स्तर से लिए जा रहे हैं,। फीडबैक के तहत जीताउ उम्मीदवार को खोजा जा रहा है। उम्मीदवारों के चयन को लेकर सभी विधानसभा क्षेत्रो में भाजपा अपने इंटरनल सूत्र से सर्वे का काम भी करा चुकी है।
Keyword– Bihar Election, Election Commission, NDA, Bihar Politics, Assembly Elections