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अमेरिकी कोर्ट ने ट्रंप के टैरिफ को ठहराया गैरकानूनी, सुप्रीम कोर्ट में होगी जंग!

ट्रंप के टैरिफ गैरकानूनी! अमेरिकी अपील कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अधिकांश टैरिफ को अवैध ठहराया, जिससे उनकी व्यापार नीति को बड़ा झटका लगा। ट्रंप ने इसे "देश के लिए तबाही" करार दिया और सुप्रीम कोर्ट में अपील की बात कही।

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अमेरिका की एक फेडरल अपील कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ट्रेड पॉलिसी को करारा झटका देते हुए उनके द्वारा लगाए गए अधिकांश टैरिफ को गैरकानूनी करार दिया। ये फैसला ट्रम्प के व्यापारिक रणनीति के केंद्र में चोट करता है और अब इस मामले के सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने की संभावना है। आइए, इस खबर को रोचक और आसान भाषा में समझते हैं!

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ट्रम्प की टैरिफ नीति: क्या है मामला?

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल में टैरिफ को अपनी विदेश नीति का मुख्य हथियार बनाया है। उन्होंने इन टैरिफ का इस्तेमाल कर कई देशों के साथ व्यापारिक समझौते करने और आर्थिक दबाव बनाने की कोशिश की। लेकिन इन टैरिफ ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता भी पैदा की। इस बार कोर्ट ने दो तरह के टैरिफ पर सवाल उठाए:

रेसिप्रोकल टैरिफ: अप्रैल 2025 में शुरू किए गए ये टैरिफ उन देशों पर लगाए गए थे, जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा था। इनमें 10% का बेसलाइन टैरिफ और कुछ देशों पर 50% तक के टैरिफ शामिल थे। फेंटानिल टैरिफ: फरवरी 2025 में चीन, कनाडा और मैक्सिको के खिलाफ ड्रग तस्करी और अवैध प्रवास को रोकने के लिए लगाए गए टैरिफ।

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हालांकि, ये फैसला उन टैरिफ पर लागू नहीं होता, जो ट्रम्प ने स्टील और एल्यूमिनियम जैसे उद्योगों पर अलग-अलग कानूनों के तहत लगाए थे।

कोर्ट ने क्यों ठहराया गैरकानूनी?

ट्रम्प ने इन टैरिफ को लागू करने के लिए इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर एक्ट (IEEPA) का सहारा लिया, जो 1977 का एक कानून है। ये कानून राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान आयात-निर्यात को नियंत्रित करने की शक्ति देता है। ट्रंप ने अमेरिका के व्यापार घाटे और ड्रग तस्करी को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर इन टैरिफ को जायज ठहराया। लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा:

कानून में टैरिफ का जिक्र नहीं: IEEPA में टैरिफ या कर लगाने की शक्ति का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। कोर्ट ने कहा, “ये संभावना नहीं लगती कि कांग्रेस ने IEEPA के जरिए राष्ट्रपति को असीमित टैरिफ लगाने की शक्ति दी होगी।”

संवैधानिक उल्लंघन: अमेरिकी संविधान के अनुसार, टैरिफ लगाने का अधिकार केवल कांग्रेस के पास है। कोर्ट ने माना कि ट्रंप ने इस संवैधानिक सीमा को पार किया।

कोर्ट ने अपने फैसले को 14 अक्टूबर तक स्थगित कर दिया है, ताकि ट्रम्प प्रशासन सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके।

ट्रम्प का गुस्सा और सुप्रीम कोर्ट की राह

फैसले के कुछ ही मिनट बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने इसकी आलोचना की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “ये फैसला अगर लागू हुआ, तो अमेरिका के लिए पूरी तरह तबाही होगा। ये टैरिफ अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी हैं।” उन्होंने अपील कोर्ट को “बेहद पक्षपातपूर्ण” करार दिया और दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट उनके पक्ष में फैसला देगा।

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई ने भी कहा, “राष्ट्रपति के टैरिफ अभी लागू हैं, और हमें इस मामले में अंतिम जीत की उम्मीद है।”

टैरिफ के फायदे और नुकसान

ट्रम्प का दावा है कि उनके टैरिफ ने अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा दिया और कई देशों से निवेश के वादे हासिल किए। उदाहरण के लिए, यूरोपीय संघ ने 600 अरब डॉलर के निवेश और 750 अरब डॉलर के ऊर्जा उत्पाद खरीदने का वादा किया। लेकिन दूसरी ओर, अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इन टैरिफ ने महंगाई बढ़ाई और आर्थिक विकास को धीमा किया।

अगर सुप्रीम कोर्ट ने भी इन टैरिफ को गैरकानूनी ठहराया, तो अमेरिकी सरकार को अरबों डॉलर के टैरिफ वापस करने पड़ सकते हैं, जो आयातकों के लिए राहत होगी, लेकिन सरकारी खजाने पर भारी पड़ सकता है।

क्या है आगे का रास्ता?

ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर है, जहां छह रूढ़िवादी और तीन उदारवादी जज बैठे हैं। ट्रम्प द्वारा नियुक्त तीन जज इस मामले में अहम भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट भी ट्रम्प के खिलाफ फैसला देता है, तो उनके पास अन्य कानूनी रास्ते हैं, जैसे:

ट्रेड एक्ट 1974 की धारा 122: इसके तहत राष्ट्रपति 150 दिनों के लिए 15% तक टैरिफ लगा सकते हैं।

धारा 301: ये अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ टैरिफ लगाने की अनुमति देता है।

गौरतलब है कि कोर्ट का ये फैसला न केवल ट्रम्प की व्यापार नीति, बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति की शक्तियों की सीमा को भी परख रहा है। क्या ट्रम्प सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात मनवा पाएंगे, या कांग्रेस की संवैधानिक शक्ति को मजबूती मिलेगी? ये एक ऐसी कानूनी जंग है, जिसकी गूंज वैश्विक व्यापार और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक सुनाई देगी। वैसे आप इस बारे में क्या सोचते हैं? ट्रंप के टैरिफ अमेरिका के लिए वरदान हैं या अभिशाप?

Keywords Trump Tariffs, Illegal Tariffs, Trade Policy, Supreme Court, IEEPA, National Emergency, Trade War

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