गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली विधानसभा में ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। दो दिन तक चलने वाली इस कॉन्फ्रेंस में 29 राज्यों की विधानसभाओं के स्पीकर और 6 राज्यों की विधान परिषदों के सभापति और उपसभापति शामिल हुए हैं। इस मौके पर गृह मंत्री शाह ने कहा कि संसद और विधानसभाएं लोकतंत्र की असली ताकत हैं। जब सदन में रचनात्मक चर्चा होती है और कानून बनाए जाते हैं, तभी देश की दिशा और आने वाला कल तय होता है। उन्होंने कहा सदन चलाने में 3 चीजों का बहुत ध्यान रखना चाहिए। विवेक, विचार और विधान। विवेक से विचार बनता है और विचारों से विधान बनता है। इन तीनों चीजों का सम्मान सभापति को करना चाहिए। संसद या विधानसभा में सार्थक वाद-विवाद नहीं होता है तो यह निर्जीव भवन बनकर रह जाएगा। इसमें भी विवेक की जरूरत है। विरोध संयमित तरीके से होना चाहिए। उन्होंने सदन को लोकतंत्र का ईंजन बताया है। उन्होंने दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष का आभार जताते हुए कहा कि देशभर के स्पीकरों को एक मंच पर बुलाने की यह पहल लोकतांत्रिक परंपराओं को और मजबूत करने वाला कदम बनेगा। उन्होंने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस नेताओं को यह अवसर देती है कि वे स्पीकर के पद की गरिमा और सम्मान को और बढ़ाने की दिशा में काम करें।दिल्ली विधानसभा स्पीकर विजेंदर गुप्ता ने बताया कि 24 अगस्त, 1925 को विट्ठलभाई पटेल सेंट्रल असेंबली के पहले भारतीय स्पीकर चुने गए थे। इसके 100 साल पूरे होने पर यह कॉन्फ्रेंस हो रही है।
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