नेपाल में एक 36 साल के युवा ने सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसा आंदोलन खड़ा किया है जिससे लोग अपने आप जुड़ते चले गए है। इस 36 साल के युवा का नाम सुदन गुरुंग है जो हामी नेपाल नाम के एनजीओ चलाते हैं। उन्होंने 8 सितंबर को एक रैली में युवाओं को आवाहन किया था कि यह वहीं दिन है जब हम नेपाल के युवा उठेंगे और कहेंगे अब पर्याप्त हो गया।
दरअसल सुदन गुरंग हामी नेपाल NGO के अध्यक्ष हैं। वे चर्चा में 8 सितंबर को आए जब नेपाल के विभिन्न समस्याओं को लेकर उनके क्रांति की एक कॉल पर देश के प्रमुख शहरों में युवाओं ने आंदोलन शुरू कर दिया।
नेपाल के युवा भ्रष्टाचार, आर्थिक असमानता और प्रशासन के कुव्यवस्था के खिलाफ सरकार के विरुद्ध आंदोलन शुरू कर दिया। हालांकि नेपाल के युवाओं में इन समस्याओं के लेकर आंदोलन के बीज काफी पहले से ही पनप रहे थे। सरकार ने आंदोलन की धार को कमजोर करने के लिए 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह बैन लगा दिया। इसके बाद युवाओं का आक्रोश सड़क पर देखा जाने लगा।
हालत यह हो गया कि कुछ ही समय में नेपाल के प्रमुख शहरों की सड़कें रणक्षेत्र मैं तब्दील हो गई। पुलिस को फायरिंग करना पड़ा जिसमें 20 लोगों की मौत भी हुई। बताया जाता है कि नेपाल के युवाओं को गोलबंद करने में हामी नेपाल नामक एक संगठन काम कर रहा था। इस संगठन में प्रमुख भूमिका सुदन गुरुंग की है जो अब क्रांति का चेहरा बन गए हैं।
लंबे समय से अव्यवस्था को लेकर नेपाल के युवाओं में आक्रोश पनप रहा था जिसे सुदन गुरुंग ने एक प्लेटफार्म प्रदान कर दिया है। विभिन्न नेटवर्कों के माध्यम से इस आंदोलन को नेपाल के विभिन्न शहरों तक पहुंचा दिया।
सुदन गुरुंग का NGO एक गैर-लाभकारी संगठन है। इसकी स्थापना 2015 में हुई थी लेकिन सरकार के पंजी में इसका रजिस्ट्रेशन 2020 में हुआ।सुदन गुरुंग अपने एनजीओ के माध्यम से नेपाल में विभिन्न परिस्थितियों में राहत पहुंचाने का काम करते रहे हैं। सामाजिक सेवाओं में भी इस एनजीओ का महत्वपूर्ण भूमिका रहा है। इस संगठन को अंतरराष्ट्रीय फंडिंग भी मिलता है। यह नेपाल में भूकंप, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों को मदद करता है।
सुदन गुरुंग ने 8 सितंबर को हीं अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर लिखा था, भाइयो और बहनों सितंबर 8 सिर्फ दूसरा दिन ही नहीं है, ये वो दिन है जब हम नेपाल के युवा उठेंगे और कहेंगे- ‘अब पर्याप्त हो गया। आंदोलन के लिए जेन-जी को बुलाते हुए सुदन गुरुंग ने कहा, ये हमारा समय है, ये हमारी लड़ाई है, और ये हमसे, हम युवाओं से शुरू होता है। इनका यह पोस्ट अपने आप में काफी जोशीला तथा भावनात्मक था। उनके द्वारा 27 अगस्त को भी एक पोस्ट किया गया था जिसमें लिखा गया था कि अगर हम खुद को बदलें, तो देश खुद बदल जाएगा।
बताया जाता है कि सुदन गुरुंग एक्टिविस्ट बनने से पहले इवेंट मैनेजमेंट में सक्रिय थे। 2015 के नेपाल में आए भूकंप ने उनके जीवन में एक नया मोड़ दिया उसके बाद उन्होंने मानवीय कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया।
keywords – NGO Operators, Corruption, International Funding, Help in Disaster