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अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को आतंकवादी संगठन घोषित किया, मुनीर के दौरे पर किया यह ऐलान

अमेरिकी विदेश विभाग ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को एक आतंकी संगठन घोषित कर दिया है

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अमेरिकी विदेश विभाग ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को एक आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। यह ऐलान उस समय किया गया है जब पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर अमेरिकी दौरे पर हैं। वैसे एक्शन तो मजीद ब्रिगेड पर हुआ है, उसे भी आतंकी संगठन घोषित किया है। पाकिस्तान इसे अपनी जीत की तरह देखता है, उसके लिए यह अमेरिका के साथ मजबूती होती दोस्ती का भी एक संदेश है।

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अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने इस बारे में कहा कि विदेश विभाग ने लूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और उसके उपनाम मजीद ब्रिगेड को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया है। अमेरिका ने मजीद ब्रिगेड को भी बीएलए के ही एक सहयोगी के रूप में देखा है। वैसे 2019 में भी BLA को SDGT घोषित किया गया था, तब भी संगठन पर गंभीर आरोप लगे थे।

मजीद ब्रिगेड बीएलए का आत्मघाती दस्ता है। इस दस्ते का नाम दो भाइयों के नाम पर रखा गया है, जिन्हें मजीद लैंगोव कहा जाता था। अलग बलूचिस्तान के लिए चल रहे विद्रोह में इन दोनों भाइयों का इतिहास बेहद अहम है।

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मई 1972 में, National Awami Party (NAP) बलूचिस्तान की सत्ता में आई थी। NAP लंबे समय से पाकिस्तान में क्षेत्रीय स्वायत्तता की मांग को लेकर आवाज उठा रही थी और 1971 में बांग्लादेश के अलग होने से उसकी आवाज को ताकत मिली। लेकिन उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने NAP की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया लेकिन बलूच विद्रोहियों ने अलग देश की मांग को जारी रखा। इससे बलूचिस्तान में कानून-व्यवस्था खराब होने लगी।

फरवरी, 1973 में जुल्फिकार अली भुट्टो ने NAP की सरकार को बर्खास्त कर दिया। इसके बाद बलूच विद्रोही और पाकिस्तान की फौज आमने-सामने आ गए। 1973 से 1977 के बीच बीएलए के हजारों लड़ाके और पाकिस्तानी फौज के भी कई जवान मारे गए।

मजीद ब्रिगेड ने पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान में कई बड़े हमले किए हैं। मजीद ब्रिगेड ने अपना पहला आत्मघाती हमला 30 दिसंबर, 2011 को किया। इस हमले में कम से कम 14 लोग मारे गए और 35 घायल हुए। इसके बाद यह संगठन कुछ समय तक शांत रहा लेकिन 2018 में फिर से सक्रिय हुआ। 2018 में मजीद ब्रिगेड ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास दलबंदिन में चीनी इंजीनियरों की बस पर हमला किया गया। 2018 में इसने कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास (Chinese Consulate) पर हमला किया।

2019 के ग्वादर के पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल और 2020 में कराची स्टॉक एक्सचेंज पर हमला किया। मार्च, 2024 में बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट के पास एक परिसर पर किया गया हमला भी शामिल है। इसमें पाकिस्तान के सुरक्षा बलों के कई जवानों की मौत हो गई थी।

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