9 सितंबर को एनडीए उम्मीदवार CP राधाकृष्णन ने इंडिया गठबंधन के बी सुदर्शन रेड्डी को हराकर जीत हासिल की। हालांकि इससे पहले ये अफवाह उड़ाई गई थी कि इंडिया गंठबंधन के उम्मीदवार जीत हासिल कर सकते हैं। ऐसे में कल हुई वोटिंग में कई सांसदों की क्रास वोटिंग से विपक्ष का समीकरण बिगड़ गया और इसे लेकर अब राजनीति गर्मा गई है।
एक तरफ इंडिया गठबंधन में किन नेताओं ने क्रास वोटिंग की इसको लेकर जांच चल रही है दूसरी तरफ कई दलों ने चुनाव से पहले ही दूरी बनाने का ऐलान कर दिया था। हालांकि कल हुई क्रास ने विपक्ष की परेशानी बढ़ा दी है। इसके साथ ही नतीजों ने यह भी साफ कर दिया कि इंडिया गठबंधन किस तरह बिखरा हुआ है।
‘वोट चोरी/ईवीएम का नहीं बना सकते बहाना’
नेताओं के क्रास वोटिंग को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं तो किसी को अल्टीमेटम दिया जा रहा है। ताजा मामला महाराष्ट्र का है जहां शिवसेना के उपनेता और प्रवक्ता संजय निरुपम ने प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए कहा इंडिया गठबंधन के 16 सांसदों ने एनडीए उम्मीदवार को वोट दिया, जिसमें उबाठा के 5 सांसद शामिल हैं। निरुपम ने कहा अब इंडिया गठबंधन यह बहाना नहीं बना सकता कि वोट चोरी हुए या ईवीएम में गड़बड़ी हुई। यह चुनाव पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से सम्पन्न हुआ है।
संजय राउत के बयान पर भड़के संजय निरुपम
संजय निरुपम ने अपनी नाराज़गी जताते हुए संजय राउत के उस बयान की कड़ी निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा था कि “जो नेपाल में हुआ है, वह भारत में भी हो सकता है।” इस पर पलटवार करते हुए निरुपम ने कहा कि अगर संजय राउत ने अपना बयान 24 घंटे के भीतर वापस नहीं लिया और माफी नहीं मांगी, तो वे उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि पुलिस को इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर केस दर्ज करना चाहिए।
संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ बयान- निरुपम
संजय निरुपम ने कहा कि राउत की भाषा देश विरोधी है और यह एक तरह से देशद्रोह है। भारत में करीब 70 से 75 लाख नेपाली रहते हैं। नेपाली हमारे भाई हैं, लेकिन अगर कोई भारत को अस्थिर करने की साजिश करेगा तो नेपाली भी उसका विरोध करेंगे। संजय निरुपम ने संजय राउत पर देश में हिंसा भड़काने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका रवैया संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है।
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