मुंबई लोकल की खचाखच भीड़ और हादसों से परेशान यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। जी हां बॉम्बे हाई कोर्ट ने सेंट्रल रेलवे को सुझाव दिया है कि वो लोकल ट्रेनों में ऑटोमैटिक बंद होने वाले दरवाजों को लागू करने की संभावना पर गंभीरता से विचार करे। अदालत की यह सख्त टिप्पणी ठाणे में हुई दिल दहला देने वाली घटना के बाद आई, जिसमें ट्रेन से गिरकर 4 लोगों की मौत हो गई और 9 घायल हो गए।
यह हादसा 9 जून की सुबह दिवा और मुंब्रा स्टेशन के बीच हुआ, जब चलती ट्रेन से लोग गिर पड़े। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने पूरे शहर को झकझोर दिया। इसके बाद एक जनहित याचिका के तहत अदालत ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए।
जस्टिस मार्ने ने बेहद चिंताजनक आंकड़ा साझा करते हुए कहा कि, “हर दिन लगभग 10 लोग लोकल ट्रेन हादसों में जान गंवाते हैं”, जो कि बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अब वक्त आ गया है जब रेलवे को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
The Bombay High Court on June 20 suggested that Mumbai’s suburban trains be fitted with automatic doors to curb the alarming number of commuter deaths.
— Bar and Bench (@barandbench) June 20, 2025
The Court’s concerns was amplified by a recent tragic incident, where four commuters died and nine others were injured after… pic.twitter.com/mvBkLXb7kL
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) अनिल सिंह ने कोर्ट को बताया कि सुरक्षा को लेकर कई पहलें शुरू की गई हैं , जैसे कि मल्टी-डिसिप्लिनरी सेफ्टी कमेटी, ट्रैक डिवाइडर, और प्लेटफॉर्म की भीड़ को नियंत्रित करने के उपाय। हालांकि कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं दिखी।
मुख्य न्यायाधीश अराध्य ने कहा कि अगर हम “Zero Deaths” का लक्ष्य पाना चाहते हैं, तो ऑटोमैटिक दरवाजे एक ठोस समाधान हो सकते हैं। अदालत ने याचिकाकर्ता से सुझाव मांगें हैं और रेलवे को आदेश दिया है कि 14 जुलाई तक वह अपनी कार्ययोजना और समिति की जानकारी पेश करे। मुंबई की लोकल ट्रेनों में अब बदलाव की हवा चल पड़ी है। हाई कोर्ट की फटकार और यात्रियों की जान की कीमत ने रेलवे को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अगर यह सुझाव जमीन पर उतरता है, तो लाखों यात्रियों की जिंदगी में एक बड़ा और सुरक्षित मोड़ आ सकता है। अब यह देखना बेहद जरूरी है कि , क्या आने वाले वक्त में मुंबई लोकल भी मेट्रो जैसी सुरक्षित होगी? सबकी निगाहें अब 14 जुलाई की सुनवाई पर टिकी हैं।
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