तेजा सज्जा ने हनु-मैन से जिस तरह देशभर के दर्शकों के दिलों में जगह बनाई थी, उसी पहचान को और मजबूत करने वे एक बार फिर लौटे हैं अपनी नई फिल्म ‘मिराई’ के साथ। 12 सितंबर 2025 को रिलीज हुई यह फिल्म पौराणिक कथाओं और आधुनिक विजुअल इफेक्ट्स का शानदार मेल है, जो दर्शकों को एक अद्भुत फैंटेसी सफर पर ले जाती है।
क्या है कहानी?
फिल्म की कहानी वेद (तेजा सज्जा) नाम के एक युवक पर केंद्रित है, जिसे नियति सम्राट अशोक के नौ पवित्र ग्रंथों की रक्षा के लिए चुनती है। इन ग्रंथों पर काली शक्तियों की बुरी नज़र है और वेद को उनका रक्षक बनकर संघर्ष करना पड़ता है। वेद की मां (श्रिया सरन) जन्म के तुरंत बाद उसे छोड़ देती हैं, जिसके बाद वह अपनी किस्मत खुद गढ़ता है। कहानी में ‘मिराई’ नामक दिव्य अस्त्र अहम भूमिका निभाता है, जो त्रेता युग में भगवान श्रीराम द्वारा रचा गया था। इस दिव्य शस्त्र की मौजूदगी कथा को गहराई और पौराणिक पृष्ठभूमि से जोड़ती है। जहां ‘हनु-मैन’ में भगवान हनुमान का आशीर्वाद दिखाया गया था, वहीं इस बार भगवान राम स्वयं वेद के मार्गदर्शक बनकर सामने आते हैं।
पटकथा और निर्देशन
कार्तिक घट्टामनेनी और मणिबाबू करनम की लिखी पटकथा में एक्शन, इमोशन और पौराणिक रहस्य का संतुलन दिखाई देता है। हालांकि 3 घंटे का लंबा रनटाइम फिल्म की गति को खासकर पहले हाफ में थोड़ा धीमा बना देता है। लेकिन जैसे ही इंटरवल पार होता है, कहानी रफ्तार पकड़ लेती है और क्लाइमैक्स तक दर्शकों को जोड़े रखती है।
कास्ट
तेजा सज्जा (वेद) एक साधारण युवक से चुने हुए योद्धा तक का उनका ट्रांसफॉर्मेशन बेहद नैचुरल लगता है। अभिनय में आत्मविश्वास और संवेदनशीलता दोनों हैं। मनोज मांचू (महाबीर लामा) काले जादू में पारंगत खलनायक के रूप में उनका स्क्रीन प्रेज़ेंस डरावना और प्रभावशाली है। हर टकराव के सीन में वे कहानी को मजबूती देते हैं। रणवीर दग्गुबाती रहस्यमयी किरदार में उनका अभिनय रोमांच बढ़ाता है। जगपति बाबू (अंगमबली) सीमित स्क्रीन टाइम के बावजूद उनकी गरिमा और दमखम नजर आता है। रितिका नायक (विभा) नई और ताज़गी भरी उपस्थिति देती हैं। और श्रिया सरन और जयराम सुब्रमण्यम सहायक भूमिकाओं में फिल्म को मजबूती देते हैं।
तकनीकी
VFX और सिनेमैटोग्राफी: रामजी डॉट और मुथु सुब्बैया ने फिल्म को विजुअली भव्य बनाया है। विशाल युद्ध, रहस्यमयी परिदृश्य और हाई-ऑक्टेन एक्शन सीन बड़े पर्दे पर देखने लायक हैं। बैकग्राउंड स्कोर: क्लाइमेक्स के दौरान संगीत दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देता है। एक्शन: प्रदीप सेलम और केचा खम्पाकडी की कोरियोग्राफी शानदार है। लड़ाई के दृश्य भव्य होने के साथ-साथ वास्तविक भी लगते हैं।
फ़िल्म की खामियाँ
लंबा रनटाइम फिल्म की सबसे बड़ी चुनौती है। अगर इसे 2 घंटे 30 मिनट तक सीमित किया जाता तो इसकी पकड़ और मजबूत होती। पहला हाफ थोड़ा खिंचा हुआ महसूस होता है। मिराई सिर्फ एक फैंटेसी-एक्शन फिल्म नहीं, बल्कि पौराणिक परंपराओं और आधुनिक फिल्म तकनीक का खूबसूरत संगम है। तेजा सज्जा का दमदार अभिनय, खलनायक मनोज मांचू का दबदबा और शानदार विजुअल्स इसे सिनेमाघरों में देखने लायक बनाते हैं।
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