इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ऐसा डाइट पैटर्न है जिसमें दिन के कुछ घंटों में खाना खाया जाता है और बाकी समय उपवास किया जाता है। यह वजन घटाने, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है। आमतौर पर लोग 16:8 या 14:10 जैसे पैटर्न अपनाते हैं, जिसमें 16 या 14 घंटे उपवास और बाकी समय खाने का होता है। लेकिन पुरुषों और महिलाओं के शरीर की बनावट अलग होने के कारण इसका असर भी अलग होता है।
पुरुषों पर फास्टिंग का असर
पुरुषों का शरीर हार्मोनल बदलावों के मामले में महिलाओं से कम संवेदनशील होता है। इस वजह से इंटरमिटेंट फास्टिंग उनके लिए ज्यादा आसान और प्रभावी होती है। फास्टिंग से पुरुषों में फैट तेजी से जलता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है। यह इंसुलिन की संवेदनशीलता को भी बढ़ाता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। कुछ मामलों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर भी बेहतर होता है, जिससे ऊर्जा और मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है। पुरुष 16 से 18 घंटे के लंबे उपवास को आसानी से कर सकते हैं, बशर्ते वे संतुलित आहार लें।
महिलाओं में फास्टिंग का प्रभाव
महिलाओं का शरीर हर महीने हार्मोनल बदलावों से गुजरता है, जो प्रजनन और अन्य शारीरिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है। लंबे समय तक फास्टिंग करने से महिलाओं में पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं या थकान, चिड़चिड़ापन और नींद की कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन अगर सही तरीके से किया जाए, तो फास्टिंग महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है। खासकर पीसीओएस या इंसुलिन रेजिस्टेंस वाली महिलाओं को इससे लाभ हो सकता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि महिलाएं 12:12 या 14:10 जैसे हल्के फास्टिंग पैटर्न से शुरुआत करें।
महिलाओं-पुरुषों में फास्टिंग का अंतर क्यों?
महिलाओं का शरीर प्रजनन स्वास्थ्य को प्राथमिकता देता है। जब शरीर को लगता है कि भोजन की कमी है, तो यह हार्मोनल संतुलन को प्रभावित करता है, जिससे प्रेग्नेंसी या पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। पुरुषों में यह प्रभाव कम होता है, क्योंकि उनके हार्मोनल बदलाव सीमित होते हैं। यही कारण है कि महिलाओं को फास्टिंग में ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है।
सुरक्षित फास्टिंग के तरीके
पुरुषों के लिए 16:8 पैटर्न उपयुक्त है, लेकिन इसे लंबे समय तक लगातार नहीं करना चाहिए। महिलाओं को 12:12 या 14:10 पैटर्न से शुरू करना बेहतर है। फास्टिंग के दौरान खूब पानी पीना और खाने के समय पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लेना जरूरी है। हरी सब्जियां, फल, प्रोटीन और साबुत अनाज को डाइट में शामिल करना चाहिए। गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं, अनियमित पीरियड्स वाली महिलाओं और डायबिटीज के मरीजों को फास्टिंग से बचना चाहिए।
फास्टिंग में सावधानियां
फास्टिंग शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है, खासकर अगर आपको दिल या ब्लड शुगर की समस्या है। खाने की गुणवत्ता पर ध्यान दें और फास्टिंग को लंबे समय तक जीवनशैली का हिस्सा न बनाएं। अगर फास्टिंग के दौरान चक्कर, थकान या अनियमित दिल की धड़कन जैसी समस्याएं हों, तो तुरंत इसे बंद कर देना चाहिए। अपने शरीर के संकेतों को सुनना सबसे जरूरी है।
Keywords: Intermittent Fasting Women, Fasting Effects On Men, Weight Loss Fasting, Hormonal Changes Fasting, Pcos And Fasting, Blood Sugar Control, Safe Fasting Methods, Fasting Side Effects, Fasting Precautions Women, 16:8 Fasting Pattern