आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा खतरा है, जो बिना किसी चेतावनी के हर दिन लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, हर दिन करीब 10 लाख लोग यौन संचारित रोगों (STIs) का शिकार हो रहे हैं। इनमें क्लैमीडिया, गोनोरिया, सिफलिस और ट्राइकोमोनियासिस जैसे रोग शामिल हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन रोगों के शुरुआती लक्षण ज्यादातर लोगों को दिखाई ही नहीं देते, जिसके कारण ये साइलेंट किलर बनकर उभर रहे हैं।
क्यों है ये रोग इतने खतरनाक?
विशेषज्ञों का कहना है कि इन रोगों का तेजी से फैलने का सबसे बड़ा कारण है अनसेफ यौन संबंध और जागरूकता की कमी। भारत में भी स्थिति गंभीर है। महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग की 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, यौन संचारित रोगों के मामलों में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सिर्फ एक साल में 1.2 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए। ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं और सेक्स एजुकेशन की कमी इस समस्या को और बढ़ा रही है। इसके अलावा, एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस भी एक बड़ी चुनौती है। गोनोरिया जैसे रोग अब कई दवाओं का असर नहीं ले रहे, जिससे इलाज और भी मुश्किल हो गया है।
लक्षण जो अक्सर नजरअंदाज हो जाते हैं
ज्यादातर मामलों में साइलेंट किलर रोगों के लक्षण इतने हल्के होते हैं कि लोग इन्हें सामान्य समझकर अनदेखा कर देते हैं। कुछ लोगों में असामान्य डिस्चार्ज, पेशाब के दौरान जलन, प्राइवेट पार्ट में घाव या छाले, या फिर हल्का पेट दर्द जैसे संकेत दिख सकते हैं। महिलाओं में पीरियड्स के बाहर असामान्य ब्लीडिंग भी एक लक्षण हो सकता है। अगर इन संकेतों को समय रहते नहीं पहचाना गया, तो ये रोग गंभीर समस्याएं जैसे बांझपन, न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें या HIV का खतरा बढ़ा सकते हैं।
वैश्विक और भारतीय स्थिति
WHO की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, सिफलिस के मामलों में पिछले साल 1 मिलियन की बढ़ोतरी हुई, और अब दुनिया भर में करीब 8.5 मिलियन लोग इससे पीड़ित हैं। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यौन संचारित रोगों के कारण हर साल लाखों लोगों की जान जा रही है। भारत में भी ये रोग पब्लिक हेल्थ के लिए एक बड़ी चुनौती बन रहे हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां स्क्रीनिंग और जागरूकता की कमी है, ये रोग तेजी से फैल रहे हैं।
बचाव है सबसे आसान उपाय
विशेषज्ञों का कहना है कि साइलेंट किलर रोगों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है सावधानी। सुरक्षित यौन संबंध अपनाने, समय-समय पर जांच कराने और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करने से इन रोगों को रोका जा सकता है। इसके अलावा, समाज में सेक्स एजुकेशन को बढ़ावा देना और इससे जुड़े टैबू को तोड़ना भी जरूरी है। जागरूकता ही वह हथियार है, जो इस अनदेखे खतरे से हमें बचा सकता है।
Keywords:– Silent Infections, Sexually Transmitted Diseases, Health Precautions, Safe Intimacy, Disease Awareness