उदयपुर स्थित मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (MLSU) में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा द्वारा मुगल शासक औरंगजेब को ‘कुशल प्रशासक’ बताए जाने पर छात्रों ने तीव्र विरोध जताया।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में टायर जलाए, प्रशासनिक भवन के कांच तोड़े और कुलपति के इस्तीफे की मांग की। उनका कहना है कि औरंगजेब जैसे शासक को सकारात्मक रूप में प्रस्तुत करना भारतीय इतिहास और राष्ट्रभक्ति का अपमान है।
कुलपति ने मांगी माफी
प्रो. सुनीता मिश्रा ने अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए माफी मांग ली है। उन्होंने कहा, “मेरे वक्तव्य को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। यदि पूरा भाषण सुना जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि मेरा आशय प्रशंसा का नहीं था। मैं मूलतः अहिन्दी भाषी हूं, जिससे भाषा में कुछ भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यदि किसी की भावनाएं आहत हुई हों, तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं।
हम इतिहास का अपमान नहीं सह सकते-छात्र
प्रो. सुनीता मिश्रा की माफी के बाद भी छात्र नहीं माने। छात्र संगठनों का कहना है कि सिर्फ माफी से काम नहीं चलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थान में इतिहास के तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करना स्वीकार्य नहीं है। छात्रों ने कहा कि, “हम इतिहास का अपमान नहीं सह सकते। कुलपति को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।”
विश्वविद्यालय में बढ़ाई गई सुरक्षा
प्रदर्शन के मद्देनज़र यूनिवर्सिटी कैंपस में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं।
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