- Advertisement -

आज है भारत रत्न भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती: अरुणाचल में इस दिन धूमधाम से मनेगी जन्मशताब्दी

अरुणाचल प्रदेश ने भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। 26 सितंबर को रोइंग में सांस्कृतिक कार्यक्रम। उनके गीत एकता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक हैं।

3 Min Read

8 सितंबर 2025 को अरुणाचल प्रदेश ने भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। सुधाकंठ और ब्रह्मपुत्र के गायक के नाम से मशहूर भूपेन हजारिका के गीत आज भी पूर्वोत्तर में एकता, शांति और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक हैं। उनके गीतों ने न केवल अरुणाचल की खूबसूरती को दुनिया तक पहुंचाया, बल्कि लोगों के दिलों को भी जोड़ा।

- Advertisement -
Ad image

मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भूपेन हजारिका के योगदान को याद किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनके गीतों ने पूर्वोत्तर और दुनिया को जोड़ा। खांडू ने कहा कि अरुणाचल में उनके गीत आज भी शांति और एकता की प्रेरणा देते हैं। उपमुख्यमंत्री चौना मेन ने भी उन्हें सांस्कृतिक प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि भूपेन हजारिका का संगीत न केवल कला है, बल्कि यह संस्कृतियों और पीढ़ियों को जोड़ने का सेतु है।

परिवार और नेताओं का योगदान

भूपेन हजारिका के बेटे तेज हजारिका अपनी पत्नी और बेटे के साथ अमेरिका से इस आयोजन में शामिल होने आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके संगीत की तारीफ की। असम सरकार पूरे साल कार्यक्रमों के जरिए इस जन्मशती को यादगार बनाने में जुटी है।

- Advertisement -
Ad image

अरुणाचल से गहरा नाता

भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को सादिया में हुआ था, जो अब अरुणाचल प्रदेश के लोअर दिबांग वैली जिले के पास है। बोलुंग गांव को उनका जन्मस्थान माना जाता है। 2018 में अरुणाचल सरकार ने बोलुंग में उनकी प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ ब्रदरहुड’ स्थापित की थी। उनके गीतों में अरुणाचल की प्राकृतिक सुंदरता, जनजातीय परंपराएं और लोगों का जज्बा झलकता है।

रोइंग में सांस्कृतिक आयोजन

अरुणाचल प्रदेश 26 सितंबर को लोअर दिबांग वैली के रोइंग में एक राज्य-स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करेगा। यह आयोजन भूपेन हजारिका की जन्मशती का हिस्सा है। इसमें उनके गीतों की प्रस्तुति, लोक नृत्य और सांस्कृतिक प्रदर्शन होंगे। यह कार्यक्रम उनकी सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने का प्रयास है।

संगीत से परे योगदान

भूपेन हजारिका ने सिर्फ संगीत ही नहीं, बल्कि अरुणाचल की कला, सिनेमा और सांस्कृतिक आंदोलनों में भी योगदान दिया। उनके लोक गीतों ने जनजातीय परंपराओं को उभारा, जबकि उनके गीतों ने एकता और भाईचारे का संदेश दिया। उनके गीत आज भी अरुणाचल के गांवों में गूंजते हैं।

Keywords: Bhupen Hazarika Centenary, Arunachal Tribute, Sudhakantha, Bharat Ratna, Roing Event, Cultural Harmony, Northeast Music, Pema Khandu, Tribal Heritage, Unity Songs

Share This Article
कोई टिप्पणी नहीं

- Advertisement -

- Advertisement -

- Advertisement -

लेटेस्ट
चुटकी शॉट्स
वीडियो
वेबस्टोरी
मेन्यू