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SCO के साझा बयान में पहलगाम हमले की निंदा, भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत! जानिए एक्सपर्ट्स की राय

चीन में पहलगाम हमले की निंदा भारत की बड़ी कूटनीति जीत, पाकिस्तान और अमेरिका के लिए बड़ा झटका

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन यात्रा अमेरिकी टैरिफ का बड़ा जवाब देने के साथ-साथ पाकिस्तान को भी घुटने पर ला रहा है। SCO की बैठक में आतंकवाद,आर्थिक सुधार, जलवायु संकट और बहुध्रुवीय दुनिया पर साझा सहमति बनी है। साझा बयान में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई है, जिसे भारत की बड़ी कूटनीति जीत के रूप में देखा जा रहा है।

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पाकिस्तान का बेस्ट फ्रेंड चीन इस वक्त एससीओ समिट की मेजबानी कर रहा है। इस एससीओ समिट में जारी साझा बयान में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की गई है। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के साझा बयान को लेकर भारत की न सिर्फ कूटनीति की सराहना हो रही है बल्कि भारत की मिलिट्री डिप्लोमेसी को भी जमकर सराहा जा रहा है।

रिटायर्ड मेजर जनरल संजय मेस्टन ने इसे भारत की रणनीतिक सफलता बताया और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के परिणामों ने दुनिया को भारत की ताकत दिखा दी है। उन्होंने कहा कि आज डिफेंस डिप्लोमैसी उतनी ही जरूरी हो गई है जितनी की पारंपरिक कूटनीति। एससीओ की तरफ से जारी किए गए साझा बयान में आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई है, जिसे पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट और सख्त संदेश माना जा रहा है। चीन ने भी इस बार लचीलापन रुख दिखाया है, जो वैश्विक दबाव और ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीतियों का परिणाम है। इसमें रूस की भूमिका भी अहम रही है।

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पूर्व राजदूत प्रभु दयाल ने अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन बेशर्म हो गया है, क्योंकि वह जानता है कि पाकिस्तान की सेना भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देती है, फिर भी अमेरिका पाकिस्तान से रिश्ते मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन हमेशा पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है, लेकिन अब भारत के साथ उसके रिश्तों में सुधार की संभावना है। उन्होंने पहलगाम हमले को पाकिस्तान प्रायोजित बताया और कहा कि आतंकवाद पर चीन की नीति में बदलाव आना तय है। आसिफ मुनीर के लिए ट्रंप द्वारा आयोजित लंच को लेकर भी आलोचना हुई, जिसे भारत विरोधी आतंकवाद समर्थक देश से स्वार्थपूर्ण संबंधों की मिसाल बताया गया।

लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सतीश दुआ ने कहा कि एससीओ का साझा बयान भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि इस मंच पर पाकिस्तान, तुर्किए और चीन की मौजूदगी के बावजूद भारत ने आतंकवाद पर स्पष्ट रुख अपनाया और साझा बयान में अपनी बात मनवाई। प्रधानमंत्री मोदी का चीन जाकर इस बयान को हासिल करना भारत की कूटनीतिक सफलता है।

गौर करने वाली बात ये है कि जब एससीओ की डिफेंस लेवल मीटिंग हुई थी, तब पहलगाम हमले का जिक्र नहीं हुआ था, जबकि चीन ने अपने हितों के तहत बीएलए का मुद्दा उठाया था। भारत ने उस बयान पर हस्ताक्षर नहीं किए थे. लेकिन इस बार पहलगाम हमले का जिक्र साझा बयान में शामिल है, जो भारत की कूटनीतिक दृढ़ता का प्रमाण है।

एससीओ शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। सदस्य देशों ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। यह भी स्पष्ट किया कि इन खतरों का निजी या स्वार्थपूर्ण उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाना पूरी तरह अस्वीकार्य है।

सदस्य देशों ने आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने में संप्रभु राष्ट्रों और उनकी सक्षम संस्थाओं की अग्रणी भूमिका को मान्यता दी। इस अवसर पर कहा गया कि सदस्य देश सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हैं। वे जोर देते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड अस्वीकार्य हैं।

Keywords: SCO, Pahalgam Attack, China, Pakistan, Prime Minister Modi, SCO Summit, India

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