इस साल मानसून ने उत्तराखंड को बुरी तरह प्रभावित किया है। पहाड़ी जिलों में बादल फटने, लैंडस्लाइड और बाढ़ ने कई गांवों को उजाड़ दिया। हजारों लोग प्रभावित हुए और बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानि 11 सितंबर को उत्तराखंड का दौरा करेंगे। उनका कार्यक्रम आपदाग्रस्त इलाकों का हेलीकॉप्टर से हवाई निरीक्षण करने का है। प्रधानमंत्री मोदी उत्तरकाशी, चमोली और आसपास के इलाकों में हुई तबाही का आकलन करेंगे। इसके बाद वह देहरादून में राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ एक हाई-लेवल बैठक करेंगे, जिसमें राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा होगी।
कल प्रस्तावित आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के उत्तराखंड आगमन पर आपदा प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण एवं समीक्षा बैठक की तैयारियों का आज जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों को सभी व्यवस्थाओं को समयबद्धता के साथ सुनिश्चित करने के… pic.twitter.com/on2HwiyJZW
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 10, 2025
उत्तरकाशी से पौड़ी तक जारी है तबाही का सिलसिला
5 अगस्त को उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में आई आपदा ने पूरे इलाके की तस्वीर बदल दी। खीरगंगा ट्रेक में आई बाढ़ अपने साथ बोल्डर, पेड़ और भारी मात्रा में मलबा लेकर आई। इस आपदा ने धराली बाजार को पूरी तरह नष्ट कर दिया। घर, दुकानें और होटल मलबे में दब गए और कई लोग अब तक लापता हैं। इसी तरह 6 अगस्त को पौड़ी गढ़वाल जिले के कई गांवों में भूस्खलन और अतिवृष्टि हुई। गांवों के घर ढह गए, कृषि भूमि नष्ट हो गई और कई परिवार बेघर हो गए। अब तक प्रशासन लापता लोगों की तलाश में जुटा है, लेकिन हालात सामान्य होने में समय लगेगा।
चमोली का थराली भी बुरी तरह प्रभावित
23 अगस्त को चमोली जिले के थराली क्षेत्र में अतिवृष्टि और लैंडस्लाइड ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। कोटड़ीप, राड़ीबगड़, कुलसारी और अन्य इलाकों में घर और सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं। इस आपदा में एक युवती की मौत हो गई और एक व्यक्ति लापता हो गया। कई दिनों तक वहां रेस्क्यू अभियान चलता रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद थराली पहुंचे और राहत कार्यों की समीक्षा की। राज्य सरकार का दावा है कि प्रभावित परिवारों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन पहाड़ों की कठिन भौगोलिक स्थिति राहत कार्यों में बड़ी चुनौती बन रही है।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है, यही कारण है कि आपदा के इस कठिन समय में हमें निरंतर उनका सहयोग एवं मार्गदर्शन मिलता रहा है। pic.twitter.com/mUqU19gpeq
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 10, 2025
केंद्र और राज्य सरकार की तैयारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से उम्मीद है कि राहत और पुनर्वास कार्यों को और गति मिलेगी। देहरादून में होने वाली बैठक में केंद्र की विशेषज्ञ टीम भी मौजूद रहेगी, जिसने पहले से ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है। बैठक में क्षति का विस्तृत आकलन, प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने की रणनीति पर चर्चा होगी। उत्तराखंड जैसे संवेदनशील राज्य में प्राकृतिक आपदाएं हर साल बड़ी चुनौती लेकर आती हैं। इस बार का मानसून एक बार फिर यह साबित कर गया कि राज्य को आपदा प्रबंधन की और मजबूत व्यवस्था की जरूरत है। पीएम मोदी का दौरा न सिर्फ वर्तमान संकट को हल करने में अहम होगा बल्कि भविष्य की नीतियों को भी दिशा देगा।
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