एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मुकाबले को लेकर पूरे देश में सियासत गर्मा गई है। महाराष्ट्र में भी इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप जारी है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को दुबई में होने वाले इस मैच को राष्ट्रभावनाओं का अपमान बताते हुए लोगों से मैच न दिखने की अपील की।
आतंकवाद और राजनीति का साया
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और मई में ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच ये पहला मैच होने जा रहा है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया।
उद्धव ठाकरे पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप
महाराष्ट्र BJP ने उद्धव ठाकरे पर देशभक्ति को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। बीजेपी प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि उद्धव बीजेपी पर देशभक्ति दिखाने का आरोप लगाते हैं, लेकिन मुंबई को लोगों के लिए सिंदूर जैसी सांस्कृतिक चीज़ों का अपमान करते हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तुलना करते हुए कहा कि 26/11 हमले के बाद सेना तैयार थी, लेकिन कांग्रेस के डर की वजह से कार्रवाई नहीं हुई, जिससे पाकिस्तान का हौसला बढ़ा।
26/11 हमले के बाद चुप क्यों?
बीजेपी ने यह भी सवाल उठाया कि 26/11 हमले के बाद उद्धव ठाकरे चुप क्यों रहे और क्या वे राहुल गांधी से सवाल पूछने की हिम्मत रखते हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कांग्रेस को ‘पाकिस्तान समस्या की जड़’ बताया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देकर उसकी हिम्मत बढ़ाई। आज कांग्रेस उद्धव ठाकरे की सबसे करीबी सहयोगी पार्टी है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को उसके घर में सबक सिखाया।
शिवसेना नेता पर बीजेपी का निशाना
बीजेपी मीडिया सेल प्रमुख नवनाथ बान ने उद्धव और संजय राउत पर भी हमला बोला और कहा कि उनका राष्ट्रवाद दिखावटी है। उन्होंने कहा कि अगर उद्धव सच में मैच का विरोध करते हैं, तो उन्हें अपने सहयोगी मिलिंद नार्वेकर से इस्तीफा लेना चाहिए, जो मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के उच्च पद पर हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि असली राष्ट्रवाद घर से शुरू होता है और उद्धव को पाक समर्थकों का सामना मुंबई के भीड़भाड़ वाले इलाकों में करना चाहिए, न कि केवल प्रतीकात्मक विरोध करना चाहिए।
आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख-उद्धव
दरअसल शनिवार को शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने बयान में कहा था कि “जब खून और पानी साथ नहीं बह सकते, तो क्रिकेट और खून भी साथ नहीं बह सकते। जब तक आतंकवाद खत्म नहीं होता, तब तक पाकिस्तान के साथ कोई भी संबंध नहीं होना चाहिए।” यह बयान बाल ठाकरे के विचारों का अनुसरण करता है, जिन्होंने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। हालांकि, सरकार की नई खेल नीति के तहत भारत-पाक के साथ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलेगा, लेकिन एशिया कप और ICC जैसे बहुपक्षीय टूर्नामेंट्स में दोनों टीमें आमने-सामने आएंगी।
भारत-पाकिस्तान मुकाबले की राजनीति और सुरक्षा का यह परिप्रेक्ष्य इस खेल को केवल एक मैच नहीं इससे कहीं ज्यादा अहम बना देता है। यह मुकाबला किस तरह से खेल के साथ-साथ दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रभावित करता है।
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