स्वदेशी टेक्नोलॉजी से निर्मित होने जा रहे तेजस फाइटर जेट को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। तेजस फाइटर जेट के निर्माण में जुटी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अमेरिका से लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट LCA Mk1A प्रोग्राम के लिए तीसरा GE-404 इंजन मिल गया है।
इस इंजन को मिलने से भारत का स्वदेशी तेजस फाइटर निर्माण की प्रकिया अब सफलतापूर्वक आगे बढ़ेगी। स्वदेशी तकनीक से भारत बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान बनाने जा रहा है। ऐसे में तीसरी इंजन की उपलब्धता भारत के इस मिशन को मंजिल तक पहुंचाने में काफी मददगार साबित होगा।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के अनुसार इसी साल सितंबर के अंत तक एक और इंजन भारत पहुंच जाएगा। इससे भारतीय वायु सेवा के लिए स्वदेशी लड़ाकू विमान का निर्माण आसान हो जाएगा जिससे इस कार्य में तेजी आएगी साथ ही साथ इसकी डिलीवरी भी तेजी से होगी
डिफेंस ऑफिसर्स के अनुसार GE-404 इंजनों की सप्लाई चेन में सुधार से HAL को LCA Mk1A की डिलीवरी तय समय पर करने में निर्माण कंपनी को बड़ी सहूलियत होगी। दरअसल यह विमान तेजस का और उन्नत वर्जन है। इससे भारतीय वायुसेना स्वदेशी टेक्नोलॉजी के बलबूते और अधिक मजबूत होगी।
निर्माण कंपनी HAL को इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 12 GE-404 इंजन मिलने की उम्मीद है। 97 और विमानों की खरीदारी की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। दरअसल भारत सरकार डिफेंस सेक्टर में स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने में जुटी हुई है जिसका यह एक बड़ा प्रमाण है।
आवश्यक संसाधनों की नियमित आपूर्ति से उत्साहित HAL ने इस साल अपनी डिलीवरी के वादों को पूरा कर लेगा। इसे लेकर वर्ष 2021 में भारत ने जनरल इलेक्ट्रिक के साथ 99 F404-IN20 इंजनों की खरीद के लिए 716 मिलियन डॉलर का समझौता किया था। लेकिन दक्षिण कोरिया के एक कंपोनेंट सप्लायर की वजह से सप्लाई में देरी हुई और डिलीवरी का शेड्यूल मार्च 2025 तक पहुंच गया।
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