केरल में दिमाग खाने वाले अमीबा का कहर बढ़ता जा रहा है। एक महीने में हुई 18 मौतों और इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार अलर्ट मोड पर हैं। ये ना सिर्फ केरल बल्कि पूरे देश में फैल रहा है।
केरल में ‘दिमाग खाने वाले अमीबा’ चिंता का विषय
केरल में दिमाग खाने वाले अमीबा (Brain-eating Amoeba) का संक्रमण एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। इस संक्रमण से अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि इस खतरनाक संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) और राज्य स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखी है।
केरल में संक्रमण की स्थिति
• अब तक 18 मौतें रिपोर्ट की जा चुकी हैं।
• संक्रमित मरीजों में तेज बुखार, उल्टी, गर्दन अकड़ना और मानसिक भ्रम जैसे लक्षण देखे गए हैं।
• संक्रमण तेजी से फैलने के कारण NCDC ने मेडिकल कॉलेजों और जिला-अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है।
केरल में अब तक 18 मौतें, कुल 76 मामलों की पुष्टि
केरल स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अब तक 76 मामले रिपोर्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 18 लोगों की मौत हो चुकी है। यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि यह संक्रमण बेहद तेज़ी से मस्तिष्क को प्रभावित करता है और मृत्युदर लगभग 97% तक होती है।
केंद्र सरकार की कार्रवाई
• NCDC और राज्य स्वास्थ्य विभाग मिलकर एपिडेमियोलॉजिकल जांच कर रहे हैं।
• लैब टेस्टिंग और निगरानी को और मजबूत किया गया है।
• आम जनता को साफ पानी के स्रोतों का इस्तेमाल करने और असुरक्षित पानी से बचने की सलाह दी गई है।
कैसे करें बचाव?
- गर्म मौसम में अनफिल्टर्ड पानी से तैराकी करने से बचें।
- नाक में पानी जाने से रोकने के लिए तैरते समय क्लिप या मास्क पहनें।
- घर के पानी की टंकी और अन्य जल स्रोतों की नियमित सफाई करें।
- किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (Primary Amoebic Meningoencephalitis – PAM) बहुत दुर्लभ लेकिन घातक मस्तिष्क संक्रमण है, जो Naegleria fowleri नामक अमीबा के कारण होता है। यह अमीबा गुनगुने, गर्म या अस्वच्छ पानी में पाया जाता है और नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर मस्तिष्क को संक्रमित करता है।
केरल सरकार की प्रतिक्रिया
केरल सरकार ने हेल्थ एडवायजरी जारी की है और जलस्रोतों की नियमित क्लोरीन जांच, पब्लिक स्विमिंग पर अस्थाई रोक और पानी के नमूनों की लैब टेस्टिंग शुरू कर दी है।
- रोकथाम के उपाय
- गंदे जलाशयों में तैरने से बचें
- घरेलू पानी उबालकर या फिल्टर करके इस्तेमाल करें
- नाक में पानी जाने से रोकें
- बच्चों को तालाबों या झीलों में नहलाने से परहेज़ करें
इलाज और मौजूदा स्थिति
इस बीमारी का इलाज बेहद चुनौतीपूर्ण है। अमेरिका और भारत में Amphotericin B, Miltefosine और Fluconazole जैसे ड्रग्स से इलाज किया जाता है, लेकिन सफल केस बेहद कम हैं।
केरल में अब तक जितने भी मरीज सामने आए हैं, उनमें से बहुत कम ही रिकवर हो पाए हैं। यहां अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस की बढ़ती घटनाएं जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे का संकेत हैं। इस दुर्लभ बीमारी से संक्रमण होने पर इससे बचाव बेहद मुश्किल है। ऐसे में राज्य सरकार और जनता को मिलकर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में और मौतों को रोका जा सके।
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