- Advertisement -

IAF ने सरकार से की 2 लाख करोड़ के राफेल विमानों के खरीद की मांग, ‘मेक इन इंडिया’ का सबसे बड़ा डिफेंस प्रोजेक्ट

Indian Air Force ने अपने लड़ाकू विमान बेड़े के विस्तार के लिए अहम कदम उठाया है। एयरफोर्स ने रक्षा मंत्रालय को 114 और 'मेक इन इंडिया' राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का प्रस्ताव भेजा है।

4 Min Read

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने अपने लड़ाकू विमान बेड़े के विस्तार के लिए एक अहम कदम उठाया है। एयरफोर्स ने रक्षा मंत्रालय को 114 और ‘मेक इन इंडिया’ राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का प्रस्ताव भेजा है। यह प्रस्ताव भारतीय एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। राफेल के लिए अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे से भारतीय रक्षा बलों के बेड़े में राफेल विमानों की संख्या 176 हो जाने की उम्मीद है।

- Advertisement -
Ad image

फाइटर जेट्स के लिए प्रस्ताव

114 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए रक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है। जिनका निर्माण फ्रांस की प्रमुख कंपनी डसॉल्ट एविएशन भारतीय एयरोस्पेस कंपनियों के साथ साझेदारी में करेगा। इस योजना के तहत विमान का 60% से अधिक हिस्सा स्वदेशी सामग्री से बनेगा, जो ‘मेक इन इंडिया’ के तहत देश में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देगा।

मेक इन इंडिया योजना के तहत स्वदेशी विमान निर्माण

भारत में स्थानीय कंपनियों के साथ मिलकर लड़ाकू विमान निर्माण को गति देने के लिए डसॉल्ट एविएशन की यह पहल सराहनीय है। इससे न केवल भारत की सैन्य ताकत बढ़ेगी, बल्कि रोजगार और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को भी बढ़ावा मिलेगा। यह प्रस्ताव पास होता है तो यह रक्षा परियोजना अब तक भारत सरकार की तरफ से हस्ताक्षरित सबसे बड़े रक्षा सौदे में से एक होगी।

- Advertisement -
Ad image

रक्षा खरीद बोर्ड में प्रस्ताव पर चर्चा

रक्षा सचिव की अध्यक्षता वाले रक्षा खरीद बोर्ड के अगले कुछ हफ्तों में इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करने की संभावना है। प्रस्ताव की अनुमानित लागत करीब 2 लाख करोड़ रुपये बताई गई है। वहीं यह फैसला भारतीय वायुसेना की सामरिक क्षमताओं को अगले स्तर पर ले जाने में मदद करेगा।

मेक इन इंडिया डिफेंस प्रोजेक्ट क्यों है अहम?

  • • आत्मनिर्भरता: स्वदेशी सामग्री के उपयोग से भारत का रक्षा उत्पादन मजबूत होगा।
  • • रोजगार सृजन: भारतीय उद्योगों को नए अवसर मिलेंगे।
  • • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर: विदेशी तकनीक भारत के अंदर विकसित होगी।
  • • सामरिक मजबूती: आधुनिक लड़ाकू विमानों के जरिए वायुसेना की ताकत बढ़ेगी।

गौर करने वाली बात यहां ये है कि इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का कदम ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के खिलाफ राफेल के बहुत अच्छे प्रदर्शन के तुरंत बाद लाया गया है। जहां यह अपने स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट का उपयोग करके चीनी PL-15 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को पूरी तरह से हराने में कामयाब रहा।

भारतीय वायुसेना का यह 114 राफेल विमानों का मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट न केवल देश की रक्षा क्षमता को बढ़ाएगा बल्कि भारत को एक आत्मनिर्भर रक्षा निर्माता के रूप में स्थापित करेगा। यह 2 लाख करोड़ रुपये का रक्षा सौदा देश के लिए एक गेम चेंजर साबित होगा।

Keywords: Make In India Defence Project, Rafale Fighter Jets, Ministry Of Defence, Defence Procurement Board, India Defence Deal, Indigenous Aircraft Manufacturing, Indian Aerospace Companies

Share This Article
कोई टिप्पणी नहीं

- Advertisement -

- Advertisement -

- Advertisement -

लेटेस्ट
चुटकी शॉट्स
वीडियो
वेबस्टोरी
मेन्यू