- Advertisement -

मोदी-पुतिन-जिनपिंग की दोस्ती से ट्रंप का बौखलाहट आया सामने, अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैक्स वसूल रहा भारत!

एससीओ शिखर सम्मेलन के बाद आया डोनाल्ड ट्रंप का फिर नया बयान, टैरिफ के लिए भारत को बताया जिम्मेदार

3 Min Read

चीन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत चीन और रूस के गठजोड़ को देखकर अमेरिका पूरी तरह से झल्लाया हुआ है। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि उनका टैरिफ लगाने का फैसला भारत के अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैक्स से जुड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत, अमेरिका से ज्यादा रूस से तेल और हथियारों की खरीद कर रहा है।

- Advertisement -
Ad image

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ को लेकर अपने फैसले का बचाव किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भारत और अमेरिका के बीच व्यापार घाटे का जिक्र किया है। इतना ही नहीं, ट्रंप ने यह भी समझाने की कोशिश की है की उन्होंनें भारत पर टैरिफ इसलिए लगाया है, क्योंकि वह अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैक्स वसूल रहा था।

ट्रंप ने यह भी कहा है कि भारत, अमेरिका की तुलना में रूस से ज्यादा तेल और हथियार खरीदता है। ट्रंप का यह बयान तब आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन से वापस लौटे हैं।

- Advertisement -
Ad image

अपने सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, बहुत कम लोग यह समझते हैं कि हम भारत के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं, जबकि वे हमारे साथ बहुत ज्यादा व्यापार करते हैं। दूसरे शब्दों में, वे हमें भारी मात्रा में सामान बेचते हैं। अमेरिका उनका सबसे बड़ा ग्राहक है, लेकिन हम उन्हें बहुत कम बेचते हैं। अब तक यह पूरी तरह से एकतरफा रिश्ता रहा है और यह कई दशकों से चला आ रहा है। इसकी वजह यह है कि भारत ने अब तक हमसे इतने ऊंचे टैरिफ वसूले हैं, किसी भी देश से ज्यादा, जिससे कि हमारे व्यापारी भारत में सामान नहीं बेच पा रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भारत अपना ज्यादातर तेल और सैन्य उत्पाद रूस से खरीदता है, अमेरिका से बहुत कम। अब उन्होंने अपने टैरिफ को पूरी तरह से कम करने की पेशकश की है, लेकिन अब देर हो रही है। उन्हें ऐसा सालों पहले कर देना चाहिए था।

माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर टैरिफ को लेकर यह बयान चीन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन से जुड़ा है। दरअसल, इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए हैं। इस दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी की। इसे भारत-चीन संबंध और भारत-रूस संबंधों में आ रही मजबूती के तौर पर देखा जा रहा है। इस कारण पश्चिमी कूटनीति विशेषज्ञ ट्रंप की आलोचना कर रहे हैं और मोदी के चीन दौरे को अमेरिकी विदेश नीति की नाकामी से जोड़ रहे हैं।

keywordsPM Narendra Modi, Vladimir Putin, Xi Jinping,Tariff Policy, US-India Relations, China, SCO Summit 2025

Share This Article
कोई टिप्पणी नहीं

- Advertisement -

- Advertisement -

- Advertisement -

लेटेस्ट
चुटकी शॉट्स
वीडियो
वेबस्टोरी
मेन्यू