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आज रात से शुरू हो रही संतान सप्तमी, जानें किस विधि से करें पूजा और क्या लगाएं भोग?

आज रात से शुरू होने वाले संतान सप्तमी व्रत में भगवान सूर्य, शिव-पार्वती की पूजा से माताएं अपने बच्चों की स्वास्थ्य की कामना करेंगी। तो आइए जानते हैं इस व्रत विधि को और भोग सामग्री के बारे में सब कुछ।

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हर मां की सबसे बड़ी चाहत होती है अपने बच्चों का सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाने वाला संतान सप्तमी व्रत माताओं के लिए एक ऐसा पवित्र अवसर है, जो उनके बच्चों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए समर्पित है। ये व्रत न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि माता-पिता के दिलों में अपने बच्चों के प्रति अटूट प्रेम को और गहरा करता है। इस साल, 29 अगस्त 2025 को रात 8:25 बजे शुरू होने वाली ये तिथि 30 अगस्त की रात 10:46 बजे तक रहेगी। आइए, इस खास व्रत की महिमा और स्वादिष्ट भोग की रेसिपीज़ के बारे में जानें, जो भगवान को प्रसन्न करेंगी और आपके परिवार को एकजुट करेंगी!

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संतान सप्तमी का धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संतान सप्तमी के दिन भगवान सूर्य, माता पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। माना जाता है कि सच्चे मन से ये व्रत रखने और पूजा करने से बच्चों को स्वास्थ्य, सौभाग्य और सुखमय जीवन का आशीर्वाद मिलता है। ये व्रत माता-पिता के लिए एक अवसर है कि वे अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रार्थना करें और भगवान से उनकी रक्षा का आशीर्वाद मांगें। इस दिन तैयार किए जाने वाले भोग न केवल भक्ति का प्रतीक हैं, बल्कि परिवार को एक साथ लाने का भी जरिया हैं।

संतान सप्तमी के लिए खास भोग की रेसिपी

इस पवित्र दिन पर भगवान को भोग लगाना और परिवार के साथ मिलकर स्वादिष्ट व्यंजन खाना परंपरा का हिस्सा है। ये व्यंजन न केवल स्वाद से भरपूर हैं, बल्कि बनाने में भी आसान हैं। आइए, कुछ खास रेसिपीज़ देखें:

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1. मीठी पूरी: मिठास भरा भोगमीठी पूरी संतान सप्तमी का खास व्यंजन है, जिसे कई माताएं व्रत के दौरान खाती हैं या अगले दिन पारण के समय परोसती हैं। इसे बनाने के लिए गेहूं के आटे को गुड़ या चीनी के पानी से गूंथ लें। आटे को नरम और लचीला बनाएं। छोटी-छोटी लोइयां बनाकर पूरी बेलें और गरम घी में सुनहरा होने तक तलें। ये मीठी और कुरकुरी पूरी भगवान को चढ़ाने के लिए एकदम सही है।

2. मालपुआ: स्वाद और परंपरा का संगममालपुआ का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। ये भोग भगवान को प्रसन्न करने और परिवार को लुभाने के लिए बेस्ट है। इसे बनाने के लिए एक बाउल में मैदा, चीनी, दूध, इलायची पाउडर और केसर मिलाकर गाढ़ा बैटर तैयार करें। बैटर को 10-15 मिनट के लिए रख दें। कड़ाही में घी गरम करें और छोटे-छोटे गोल आकार में बैटर डालकर सुनहरा होने तक तलें। दूसरी ओर, चीनी और पानी से गाढ़ी चाशनी बनाएं। तले हुए मालपुए को चाशनी में डुबोएं और गरम या ठंडा परोसें।

3. खीर: भक्ति और मिठास का प्रतीकखीर हर पवित्र अवसर का अभिन्न हिस्सा है, और संतान सप्तमी पर इसका भोग लगाना बेहद शुभ माना जाता है। इसे बनाने के लिए चावल को धोकर कुछ देर भिगो दें। एक बड़े पैन में दूध उबालें और उसमें चावल डालें। मध्यम आंच पर चावल को नरम होने तक पकाएं, जब तक दूध गाढ़ा न हो जाए। चीनी, इलायची पाउडर और केसर डालकर अच्छे से मिलाएं। खीर को गरम या ठंडा परोसकर भगवान को अर्पित करें।

संतान सप्तमी का व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि ये माता-पिता के उस अनमोल प्यार का प्रतीक है, जो वे अपने बच्चों के लिए रखते हैं। ये दिन हमें याद दिलाता है कि बच्चों की खुशहाली और स्वास्थ्य के लिए की गई हर प्रार्थना भगवान तक पहुंचती है। स्वादिष्ट भोग और पूजा के साथ, ये व्रत परिवार को एकजुट करता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

इस संतान सप्तमी को बनाएं खास

30 अगस्त 2025 को संतान सप्तमी का ये पवित्र दिन अपने बच्चों के लिए प्रार्थना करने और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करने का अवसर है। मीठी पूरी, मालपुआ और खीर जैसे स्वादिष्ट भोग बनाकर भगवान को अर्पित करें और अपने परिवार के साथ इस पवित्र दिन को खुशी से मनाएं। ये व्रत न केवल आपके बच्चों के लिए आशीर्वाद लाएगा, बल्कि आपके दिल को भी सुकून और भक्ति से भर देगा।

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