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दिल्लीवालों के लिए खुशखबरी…जाम से मिलेगी मुक्ति! ITO होगा जाम मुक्त… ब्लूप्रिंट तैयार…

राजधानी में ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) ने 8 बड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया है।

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दिल्लीवालों को बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। जल्द ही दिल्लीवालों को ट्रैफिक की समस्या से निजात मिलेगी। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने 8 परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। जिनमें फ्लाईओवर, अंडरपास और एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल हैं। इनकी डीपीआर तैयार करने में 9-12 महीने लगेंगे और लागत 3,500-5,000 करोड़ रुपये अनुमानित है। इन परियोजनाओं की व्यवहार्यता रिपोर्ट और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। विभाग ने इसके लिए लगभग 14.6 करोड़ की परामर्श सेवाओं की लागत तय की है। निर्माण कार्य शुरू करने से पहले सभी तकनीकी, पर्यावरणीय और सामाजिक पहलुओं का गहनता से अध्ययन किया जाएगा।

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ITO पर अंडरपास या फ्लाईओवर निर्माण !

बताया जा रहा है कि व्यवहार्यता अध्ययन में यह देखा जाएगा कि कहां पर फ्लाईओवर या अंडरपास बनाना है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि ITO पर अंडरपास या फ्लाईओवर के निर्माण की संभावना तलाशी जा रही है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि ITO व्यस्ततम चौराहों में से एक है जहां काफी जाम लगता है। इसके साथ ही IGI टर्मिनल- 1 पर फ्लाईओवर और इनर रिंग रोड पर एलिवेटेड रोड बनाने की तैयारी है। आईटीओ पर सबसे बड़ा इंटरसेक्शन (चौराहा) बनाने की भी तैयारी है। यहां सभी सड़कें, गली और यातायात के साधनों को आपस में जोड़ा जाएगा। जिससे लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी।

दरअसल ITO, IGI पर ज्यादा गाड़ियों के चलने से आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। देशबंधु गुप्ता मार्ग से अजमेरी गेट तक एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी। नानकसर गुरुद्वारा से दिल्ली-यूपी सीमा तक करीब 6 किलोमीटर की एलिवेटेड रोड के निर्माण की भी तैयारी है। इससे ट्रॉनिका सिटी यानी गाजियाबाद की तरफ आने-जाने वालों को बड़ी राहत मिलेगी।

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अधिकारियों ने बताया कि इन परियोजनाओं की डीपीआर तैयार करने में लगभग एक साल लग सकता है। निर्माण की वास्तविक लागत का अनुमान 3,500 से 5,000 करोड़ रुपये तक हो सकता है।

क्या हैं प्रमुख परियोजनाएं?

  • देशबंधु गुप्ता रोड-7 किमी
  • पहाड़गंज से लेकर अजमेरी गेट तक करीब 7 किमी के दायरे में काफी जाम लगता है। यहां 7 प्रमुख सिग्नल और भारी यातायात दबाव के कारण हमेशा जाम लगा रहता है। यहां फ्लाईओवर/अंडरपास बनने से स्टेशन क्षेत्र और केंद्रीय दिल्ली को बड़ी राहत मिलेगी।
  • शादीपुर डिपो क्षेत्र- 4 किमी
  • इस हिस्से में 4 बड़े चौराहे हैं और रोजाना दिल्लीवालों को जाम से जुझना पड़ता है। फ्लाईओवर बनने से करोलबाग, राजौरी गार्डन और पटेल नगर आने-जाने वालों को सुविधा होगी।
  • हिंद विहार, किरणी रोहतक रेलवे लाइन ROB- 1 किमी
  • रेलवे लाइन पर रोड ओवर ब्रिज (ROB) बनने से नांगलोई और रोहिणी का सीधा संपर्क होगा। जिससे लोगों को आवागमन में राहत मिलेगी।
  • ITO इंटरसेक्शन- 4 किमी
  • राजधानी का सबसे व्यस्ततम चौराहा, जहां आयकर भवन, पीडब्ल्यूडी मुख्यालय, समेत अन्य कार्यालय हैं। यहां फ्लाईओवर/अंडरपास बनने से जाम खत्म होगा।
  • नानकसर गुरुद्वारा टी-प्वाइंट से दिल्ली–यूपी बॉर्डर (ट्रॉनिका सिटी)- 6 किमी
  • यमुना किनारे यह मार्ग पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील है। यहां एलिवेटेड कॉरिडोर का प्रस्ताव है, जिससे उत्तर-पूर्वी दिल्ली से यूपी जाने वाले वाहनों को सीधा रास्ता मिलेगा।
  • नजफगढ़–फिरनी रोड NH-48 और पुरानी दिल्ली- गुरुग्राम रोड- 20 किमी
  • इस 20 किमी लंबे हिस्से में 15 प्रमुख ट्रैफिक सिग्नल हैं। कॉरिडोर डेवलपमेंट प्लान से नजफगढ़ और द्वारका क्षेत्र में जाम से राहत मिलेगी।
  • शिवाजी मार्ग (जाखिरा क्रॉसिंग से करमपुरा फ्लाईओवर तक)- 2.2 किमी
  • इससे पश्चिमी दिल्ली के मोती नगर, कीर्ति नगर, पटेल नगर और करमपुरा क्षेत्र की कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
  • IGI एयरपोर्ट (NSG मुख्यालय के पास) -2 किमी
  • एयरपोर्ट रोड पर रोजाना घंटों लंबा जाम लगता है। फ्लाईओवर/अंडरपास बनने से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए यात्रा करने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।

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