श्रीलंका में जन्मी 51 वर्षीय लेटचुमनन मैरी फ्रांसिस्का कई साल पहले कनाडा चली गई थी और वहां की स्थायी निवासी बन गई थी। दिसंबर 2019 में वह टूरिस्ट वीजा पर भारत आई, लेकिन जांच एजेंसियों के अनुसार उसका असली मकसद बिल्कुल अलग था। फ्रांसिस्का पर आरोप है कि वह फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके पहचान पत्र बनवा रही थी और निष्क्रिय बैंक खातों से पैसे निकाल रही थी। 2 अक्टूबर 2021 को चेन्नई हवाई अड्डे पर उसे गिरफ्तार किया गया और तब से वह पुझल सेंट्रल जेल में बंद है।
एलटीटीई कनेक्शन की जांच
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि फ्रांसिस्का द्वारा निकाले गए पैसों का इस्तेमाल प्रतिबंधित आतंकी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम को फिर से सक्रिय करने के लिए किया जा रहा था। एलटीटीई, जिसे तमिल टाइगर्स के नाम से भी जाना जाता है, 2009 में श्रीलंकाई सेना द्वारा खत्म कर दिया गया था। लेकिन अब कुछ लोग इस संगठन को दोबारा जिंदा करने की साजिश रच रहे हैं। जांच से पता चला है कि कुछ व्यक्ति सक्रिय रूप से लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम से जुड़े हुए थे।
एनआईए की कार्रवाई और मल्टी एजेंसी जांच
फ्रांसिस्का की गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए व्यापक जांच शुरू की। एनआईए ने फ्रांसिस्का की जानकारी के आधार पर सात अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है। इस नेटवर्क में केनिस्टन फर्नांडो, के बास्करन, जॉनसन सैमुअल और एल सेल्लामुट्टू जैसे नाम शामिल हैं। एनआईए ने इस पूरे मामले को लेकर चार अलग-अलग केस दर्ज किए हैं, जिनमें से एक फ्रांसिस्का से सीधे जुड़ा हुआ है।
ईडी की विशेष पूछताछ की तैयारी
चूंकि फ्रांसिस्का पिछले तीन सालों से जेल में बंद है, इसलिए प्रवर्तन निदेशालय को उससे पूछताछ करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। अब चेन्नई की एक विशेष अदालत ने ईडी को अनुमति दी है कि वह पुझल सेंट्रल जेल में जाकर फ्रांसिस्का से पूछताछ कर सकती है। यह पूछताछ दो दिन तक चलेगी और इसके लिए ईडी के अधिकारियों को लैपटॉप, प्रिंटर और अन्य जरूरी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जेल में ले जाने की विशेष अनुमति मिली है।
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप
प्रवर्तन निदेशालय ने फ्रांसिस्का के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। जांच एजेंसियों का कहना है कि फ्रांसिस्का ने फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल करके कई बैंक खाते खोले थे। इन खातों में से कुछ बहुत लंबे समय से निष्क्रिय थे, लेकिन फ्रांसिस्का इन्हें फिर से सक्रिय करके पैसों का लेन-देन कर रही थी। ईडी का मानना है कि ये पैसे एलटीटीई के पुनर्जनन कार्यक्रम के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे।
अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क की संभावना
जांच में यह भी सामने आया है कि यह साजिश सिर्फ भारत तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसके तार विदेशों तक फैले हुए हैं। फ्रांसिस्का खुद कनाडा की स्थायी निवासी है और एनआईए की जांच से पता चला है कि विदेशों में भी कुछ लोग इस संगठन के लिए फंड और समर्थन जुटा रहे थे। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि एलटीटीई का पुनर्जनन न केवल श्रीलंका बल्कि भारत के लिए भी खतरा हो सकता है।
Keywords:– Ltte Revival Conspiracy, Money Laundering Case, Sri Lankan Woman Arrest, Ed Investigation, Fake Documents Fraud