- Advertisement -

बिहार में 1 सितंबर तक दावे करें दाखिल वरना… SIR फाइनल लिस्ट में नहीं मिलेगी जगह, SC ने समय सीमा बढ़ाने से किया इंकार लेकिन वोटर लिस्ट में सुधार पर रोक नहीं

RJD ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर आपत्ति दर्ज करने की अंतिम तारीख बढ़ाने की सुप्रीम कोर्ट से मांग की है याचिका में बताया गया कि शुरुआती सूची में छूटे लगभग 1 लाख 80 हजार से अधिक लोगों ने दावा किया है।

4 Min Read

बिहार SIR मामले में राष्ट्रीय जनता दल और बाकियों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। दरअसल RJD और AIMIM ने चुनावी राज्य बिहार में चुनाव पुनरीक्षण प्रक्रिया में दावे और आपत्तियां दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। मसौदा सूची में मतदाता नामों को शामिल करने के लिए दावे दाखिल करने की आज अंतिम दिन है। बिहार में SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश दिया है। अब 1 सिंतबर के बाद भी आपत्तियां स्वीकार की जाएगी।

- Advertisement -
Ad image

वॉलंटियर्स नियुक्त करने के निर्देश- SC

RJD ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर आपत्ति दर्ज करने की अंतिम तारीख बढ़ाने की सुप्रीम कोर्ट से मांग की है याचिका में बताया गया कि शुरुआती सूची में छूटे लगभग एक लाख अस्सी हजार से अधिक लोगों ने दावा किया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को सत्यापन के एक दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने की बात कही। कोर्ट ने कहा जिन लोगों के नाम लिस्ट में नहीं है उनकी मदद के लिए वॉलंटियर्स नियुक्त होंगे।

जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की बेंच ने चुनाव आयोग के इस बयान के बाद दावे/आपत्ति दाखिल करने की मियाद 15 सितंबर तक बढ़ाने की मांग को अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले राष्ट्रीय जनता दल समेत बाकी दलों से कहा कि वह जमीन पर लोगों की सहायता करें।

- Advertisement -
Ad image

बिहार लीगल सर्विस ऑथोरिटी को निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों और हटाए गए मतदाताओं को दावे दायर करने में मदद के लिए पैरा लीगल वॉलंटियर्स नियुक्त किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार लीगल सर्विस ऑथोरिटी के अध्यक्ष को निर्देश दिया कि वह व्यक्तियों, दलों को दावे और आपत्तियां दर्ज करने में मदद करने के लिए पैरा लीगल वॉलेंटियर्स की नियुक्ति करे।

निर्देश के बावजूद 100-120 आवेदन-SC

हालांकि इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा उसके पिछले निर्देश के बावजूद राजनीतिक पार्टियों ने छूटे हुए वोटर का नाम जुड़वाने के लिए सिर्फ 100-120 आवेदन दाखिल किए। कोर्ट ने चुनाव आयोग के इस बयान को रिकॉर्ड पर लिया है कि अंतिम लिस्ट के प्रकाशन के बाद भी योग्य लोगों को मतदाता सूची में शामिल होने से नहीं रोका जाएगा।

दरअसल चुनाव आयोग की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि SIR का काम सुचारू रूप से चल रहा है। इसे लेकर राजनीतिक पार्टियों की आशंकाएं बेबुनियाद हैं। SIR पर दावे/आपत्ति दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने का असर फाइनल लिस्ट के प्रकाशन पर पड़ेगा जो कि 30 सितंबर को होना है।

चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों ने नाम जुड़वाने की बजाय कटवाने के आवेदन ज्यादा दिए हैं। यह इस बात की तरफ इशारा है कि योग्य वोटर को मतदाता लिस्ट से बाहर करने के आरोप में दम नहीं है।

दस्तावेज के रूप में आधार स्वीकार्य

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया कि आधार पहचान का एक दस्तावेज है इसलिए, उसने ड्राफ्ट लिस्ट में छूटे लोगों के लिए आधार को भी एक दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने के लिए कहा, लेकिन आधार एक्ट में उसे नागरिकता का सबूत नहीं माना गया है। 8 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी।

Keywords:Sc Refused To Extend The Deadline, Bihar Sir News, Bihar Sir Correction In Voter List, Sc Instructions For Volunteers Appointment, Bihar Political Party Rjd And Aimim ‘s Plea On Sir

Share This Article
कोई टिप्पणी नहीं

- Advertisement -

- Advertisement -

- Advertisement -

लेटेस्ट
चुटकी शॉट्स
वीडियो
वेबस्टोरी
मेन्यू