बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ गठबंधन के लिए नया दांव खेला है। गुरुवार को AIMIM के बिहार अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल ईमान अपने समर्थकों के साथ ढोल-नगाड़ों के साथ पटना में तेजस्वी यादव के घर पहुंचे। उन्होंने RJD को 6 सीटों का प्रस्ताव दिया और कहा कि अगर गठबंधन नहीं हुआ, तो वोट बंटने से सांप्रदायिक ताकतों को फायदा हो सकता है।
AIMIM का कहना है कि वह बिहार में धर्मनिरपेक्ष वोटों को बिखरने से बचाना चाहती है। अख्तरुल ईमान ने कहा कि उनकी पार्टी ने कई बार RJD को गठबंधन का प्रस्ताव भेजा, लेकिन हर बार उसे अनसुना कर दिया गया। इस बार उन्होंने तेजस्वी के घर ढोल बजाकर अपनी बात रखी और कहा कि वे न मुख्यमंत्री की कुर्सी मांग रहे हैं, न ही मंत्रालय, बस 6 सीटों पर गठबंधन चाहते हैं। खासकर सीमांचल क्षेत्र की सीटों पर AIMIM की नजर है, जहां उसका अच्छा जनाधार है।
2005 जैसी स्थिति का जिक्र
अख्तरुल ईमान ने 2005 के बिहार चुनाव का हवाला दिया, जब रामविलास पासवान की पार्टी LJP ने गठबंधन के लिए शर्त रखी थी कि एक मुस्लिम चेहरा मुख्यमंत्री बने। ईमान का कहना है कि 2025 में भी ऐसा ही मौका है। अगर RJD, AIMIM को साथ ले, तो धर्मनिरपेक्ष वोटों का बिखराव रुक सकता है और महागठबंधन को जीत मिल सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर गठबंधन नहीं हुआ, तो वोट बंटने से NDA को फायदा हो सकता है।
AIMIM की सीमांचल में मजबूत पकड़ है। 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा और 5 सीटें जीतीं, सभी सीमांचल क्षेत्र में। हालांकि, बाद में चार विधायक RJD में शामिल हो गए थे। इस घटना का जिक्र करते हुए अख्तरुल ईमान ने कहा कि भले ही AIMIM को नुकसान हुआ, लेकिन वे बिहार के हित में गठबंधन के लिए तैयार हैं।
RJD का जवाब अभी बाकी
RJD ने अभी तक AIMIM के इस नए प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया है। तेजस्वी यादव पहले कह चुके हैं कि उन्हें AIMIM से कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला। लेकिन अब ढोल-नगाड़ों के साथ आए इस प्रस्ताव ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। कुछ RJD नेताओं का कहना है कि AIMIM का साथ लेने से मुस्लिम वोट तो मजबूत हो सकते हैं, लेकिन इससे गठबंधन की छवि पर भी असर पड़ सकता है।
बिहार में मुस्लिम आबादी करीब 18 फीसदी है, जो कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाती है। AIMIM का मानना है कि अगर उसे सीमांचल की 6 सीटें मिलें, तो वह महागठबंधन को मजबूती दे सकती है। अब सबकी नजरें RJD के अगले कदम पर हैं। क्या तेजस्वी AIMIM को गठबंधन में शामिल करेंगे, या फिर यह प्रस्ताव भी अनसुना रह जाएगा?
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