बिहार चुनाव का बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि राज्य में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा जबकि चुनाव परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इसके साथ ही राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जहां NDA (BJP_JDU) गठबंधन को अपने विकास कार्यों पर भरोसा है, वहीं महागठबंधन (RJD-Congress) सत्ता परिवर्तन की उम्मीदों के साथ चुनावी मैदान में है।
नीतीश कुमार का चुनावी ‘विकास कार्ड’
- नीतीश कुमार ने चुनाव की तारीख घोषित होने तक लगातार योजनाओं की झड़ी लगा दी है
- हर परिवार की महिला को ₹10,000 की आर्थिक सहायता
- बिहार मेट्रो प्रोजेक्ट की घोषणा
- नई सरकारी नौकरियां
- युवाओं के लिए भत्ता योजना
- महिलाओं को नौकरियों व उच्च शिक्षा में आरक्षण
- किसानों के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना
ये सभी योजनाएं समाज के हर वर्ग को साधने की कोशिश का हिस्सा हैं, जिससे NDA को वोट बैंक मजबूत होने की उम्मीद है।
केंद्र सरकार का पूरा सहयोग
केंद्र और राज्य की एकजुट सरकार ने बिहार में राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार,स्पेशल ज़ोन डेवेलपमेंट,बिजली, पानी और डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में निवेश, इनसे बिहार की “पिछड़े राज्य” की छवि में बदलाव आया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि ये सभी प्रयास जंगलराज से विकासराज की ओर कदम हैं।
महागठबंधन का दांव- बदलाव और वोट चोरी का मुद्दा
RJD-कांग्रेस गठबंधन ने शुरू में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और वोट चोरी के मुद्दे उठाए। हालांकि, चुनाव आयोग द्वारा 7.43 करोड़ मतदाताओं को सूचीबद्ध करने और नामांकन से 10 दिन पहले तक नाम जोड़ने की अनुमति देने के बाद यह मुद्दा कमजोर पड़ा है।
फिर भी महागठबंधन को भरोसा है कि बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक असंतुलन जैसे मुद्दे जनता को बदलाव के लिए प्रेरित करेंगे। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की जोड़ी युवा और पिछड़े वर्ग को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में है।
बिहार को ‘जंगलराज’ नहीं चाहिए- बीजेपी
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि बिहार की जनता अब “जंगलराज” के दौर में लौटना नहीं चाहती। उन्होंने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि नई पीढ़ी मोदी के विकास मॉडल को देख रही है और उसी पर भरोसा कर रही है।
BJP विशेष रूप से महिलाओं, युवाओं और किसानों को अपना समर्थन आधार मान रही है।
LJP – NDA में एकता और विश्वास
LJP (रामविलास) के नेता मणिशंकर पांडेय ने दावा किया कि पूरा एनडीए एकजुट है और इस बार भी बहुमत से सरकार बनाएगा। उन्होंने कहा तेजस्वी यादव जातीय राजनीति करते हैं, जबकि हम समग्र बिहार की बात करते हैं। बिहार अब लालटेन युग नहीं, LED युग चाहता है।
बिहार में एक बार फिर विकास बनाम बदलाव, जंगलराज बनाम सुशासन, और युवाओं की अपेक्षा बनाम सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड आमने-सामने है। बहरहाल 14 नवंबर को तस्वीर साफ हो जाएगी कि जनता परिवर्तन को चुनती है या विकास के दावों पर भरोसा जताती है।