पाकिस्तान की सियासत में एक बार फिर इमरान खान चर्चा के केंद्र में हैं। 73 वर्ष की उम्र में जेल की सलाखों के पीछे बंद इमरान का राजनीतिक असर अब भी कम नहीं हुआ है, लेकिन इस बार सरकार ने उन पर डिजिटल स्तर पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। संघीय कानून राज्य मंत्री बैरिस्टर अकील मलिक ने रविवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में बताया कि सरकार ने इमरान खान के ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) अकाउंट को “राष्ट्र विरोधी और सेना विरोधी” पोस्ट के आरोप में ब्लॉक करने की मांग की है। मलिक ने कहा कि सरकार ने इस मामले में कंपनी के मैनेजमेंट से औपचारिक संपर्क किया है और साथ ही यह जांच भी शुरू की गई है कि आखिर जेल में बंद इमरान का अकाउंट कौन चला रहा है। उन्होंने बताया, “हम यह पता लगाने में जुटे हैं कि इस अकाउंट से की जाने वाली पोस्ट के पीछे कौन लोग हैं और वे किन उद्देश्यों से ऐसी गतिविधियां कर रहे हैं।”
‘कौन चला रहा है अकाउंट’ पर सस्पेंस जारी
इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं, जहां वे भ्रष्टाचार समेत कई मामलों का सामना कर रहे हैं। इस बीच, उनके सोशल मीडिया अकाउंट से लगातार राजनीतिक बयान और सेना की नीतियों पर टिप्पणी पोस्ट की जा रही है, जिससे सरकार और सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं। अकील मलिक ने दावा किया कि सरकार जल्द ही इस नेटवर्क का पता लगा लेगी, और अगर जरूरत पड़ी तो अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद भी ली जाएगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान में सोशल मीडिया, खासकर ‘एक्स’ प्लेटफॉर्म, विपक्षी दलों का एक अहम हथियार बन चुका है, और इमरान खान का अकाउंट उनके समर्थकों को जोड़ने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। इस वजह से सरकार अब इसे नियंत्रित करने की दिशा में कदम उठा रही है।
समर्थकों का उत्सव: लाहौर में रैली और केक कटिंग
इमरान के समर्थकों ने रविवार को उनके जन्मदिन पर लाहौर के जमां पार्क में रैली निकाली। वहां इमरान खान के आवास के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और “कप्तान” के समर्थन में नारे लगाए। हालांकि, पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे ताकि किसी तरह की भीड़भाड़ या टकराव न हो। समर्थकों ने पूर्व प्रधानमंत्री के आवास की ओर बढ़ने की कोशिश नहीं की, लेकिन पूरे माहौल में उत्साह साफ झलक रहा था। जन्मदिन का मुख्य समारोह भी लाहौर में ही आयोजित किया गया, जहां पीटीआई (Pakistan Tehreek-e-Insaf) के वरिष्ठ नेता सलमान अकरम राजा, शौकत बसरा और रेहाबा डार शामिल हुए। इस मौके पर केक काटा गया और इमरान की जल्द रिहाई की मांग भी उठाई गई।
राजनीति और जेल के बीच इमरान की चुनौती
भ्रष्टाचार और राजद्रोह के कई मामलों में फंसे इमरान खान का राजनीतिक सफर फिलहाल ठहराव पर है, लेकिन उनका प्रभाव खत्म नहीं हुआ है। जेल में बंद रहने के बावजूद उनके बयान, वीडियो संदेश और ‘एक्स’ पोस्ट समर्थकों में जोश बनाए रखते हैं। यही कारण है कि सरकार अब डिजिटल स्तर पर भी उनके प्रभाव को सीमित करने की कोशिश कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की राजनीति अब सड़क से ज्यादा स्क्रीन पर लड़ी जा रही है, और इमरान का सोशल मीडिया प्रभाव इस लड़ाई का अहम हिस्सा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार वास्तव में उनका अकाउंट ब्लॉक करा पाती है या फिर “कप्तान” एक बार फिर डिजिटल मैदान में भी अपने विरोधियों पर भारी पड़ते हैं।
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