बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की विकास की दिशा बदलने वाला प्रोजेक्ट तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 4 अक्टूबर को ‘गंगापथ’ का शिलान्यास करेंगे। यह सड़क परियोजना गंगा नदी के किनारे बन रही है, जिसका मकसद केवल बेहतर कनेक्टिविटी ही नहीं बल्कि पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देना है। कुल 17,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले तीन प्रोजेक्ट्स से राज्य के लोगों को तेज और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा। गंगा के समानांतर बनाई जाने वाली इन सड़कों से सफर न सिर्फ आसान होगा, बल्कि खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों का आनंद भी मिलेगा।
तीन प्रमुख प्रोजेक्ट और निवेश मॉडल
सड़क निर्माण विभाग के मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि ये तीनों सड़क प्रोजेक्ट हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के तहत बनाए जाएंगे। इस मॉडल में सरकार 40% निवेश करेगी, जबकि शेष 60% प्राइवेट कंपनियों द्वारा किया जाएगा। कंपनियों को तय समय के अनुसार सरकार से भुगतान मिलेगा। तीन प्रोजेक्ट्स इस प्रकार हैं:
- दिघा-शेरपुर-बीहटा-कोइलवर (35.65 किमी) – लागत ₹6,495.79 करोड़
- मुंगेर (सफियाबाद)-बारीयारपुर-घोरघाट-सुल्तानगंज (42 किमी) – लागत ₹5,119.80 करोड़
- सुल्तानगंज-भागलपुर-सबौर (41.33 किमी) – लागत ₹4,849.83 करोड़
इन प्रोजेक्ट्स के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और काम जल्द शुरू हो जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार, HAM मॉडल का इस्तेमाल बिहार में पहली बार किसी बड़े प्रोजेक्ट में किया जा रहा है, जो निजी निवेश और सरकारी साझेदारी के लिए नया उदाहरण पेश करेगा।
राज्य के लिए बड़े फायदे
मुंगेर-भागलपुर-सबौर गंगापथ, जो लगभग 84 किलोमीटर लंबा है, राज्य के लिए एक नई लाइफलाइन साबित होगी। यह सड़क मुंगेर, सुल्तानगंज और भागलपुर जैसे प्रमुख शहरों को सीधे जोड़ेगी। इससे यात्रा का समय घटेगा और ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी। साथ ही, यह गंगापथ भागलपुर और मुंगेर में रिंग रोड की तरह काम करेगा। राज्य सरकार का कहना है कि यह सड़क परियोजना न केवल आवागमन सुगम बनाएगी, बल्कि स्थानीय व्यापार और उद्योग के लिए भी नए अवसर उत्पन्न करेगी।
पर्यटन और चुनावी संदेश
गंगा के किनारे बनने वाली यह सड़क परियोजना पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। सुल्तानगंज से लेकर भागलपुर तक का इलाका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। बेहतर सड़क सुविधा से पर्यटक आसानी से इन स्थलों तक पहुंच सकेंगे, जिससे स्थानीय रोजगार और व्यापार भी बढ़ेगा। साथ ही, विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण यह कदम जनता के बीच सरकार की विकास प्रतिबद्धता और चुनावी संदेश के रूप में देखा जा रहा है। शिलान्यास के तुरंत बाद चुनाव आयोग की टीम पटना दौरे पर आएगी, जिसके बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है।
गंगा किनारे गंगापथ प्रोजेक्ट से बिहार में न केवल सड़क नेटवर्क मजबूत होगा बल्कि राज्य का विकास, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियां भी नई ऊंचाई पर पहुंचेंगी। यह परियोजना आने वाले समय में बिहार की नई पहचान और विकास की नई इबारत के रूप में याद की जाएगी।
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