- Advertisement -

यहां दर्शन से मिल जाता है अमेरिका का वीज़ा, जानिए हैदराबाद के इस 5000 साल पुराने मंदिर की चमत्कारी कहानी

हैदराबाद से 30 किमी दूर चिलकुर बालाजी मंदिर सिर्फ आस्था नहीं, वीज़ा की उम्मीद का केंद्र भी है। 5000 साल पुराने इस मंदिर को लोग प्यार से "वीज़ा बालाजी मंदिर" कहते हैं।

5 Min Read

हैदराबाद के बाहरी इलाके में उस्मान सागर झील के पास स्थित चिलकुर बालाजी मंदिर पारंपरिक मंदिरों से बिल्कुल अलग पहचान रखता है। लोग इसे वीज़ा बालाजी मंदिर कहते हैं क्योंकि यहां आने वाले अधिकतर भक्त अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया या अन्य देशों में नौकरी और पढ़ाई के लिए वीज़ा की प्रार्थना करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि यहां भीड़ का बड़ा हिस्सा इंजीनियरिंग और आईटी क्षेत्र से जुड़े युवाओं का होता है। यह मंदिर उन सपनों का प्रतीक बन गया है, जिन्हें लाखों भारतीय अपने करियर और भविष्य के लिए देखते हैं।

- Advertisement -
Ad image

वीज़ा की मन्नत पूरी होने का विश्वास

भक्तों का मानना है कि यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना विदेश यात्रा की राह आसान बना देती है। कई लोग अपने अनुभव बताते हैं कि उन्होंने मंदिर में मन्नत मांगी और कुछ ही दिनों बाद वीज़ा स्वीकृत हो गया। उदाहरण के तौर पर, एक गेम डिवेलपर साई रौतिक ने साझा किया कि वह 10 सितंबर को चिलकुर बालाजी आए थे और 18 तारीख को उनका इंटरव्यू हुआ। अगले ही दिन उनका एच1बी वीज़ा मंजूर हो गया। ऐसे कई अनुभवों ने इस मंदिर की प्रसिद्धि को और बढ़ा दिया है। यही कारण है कि यहां रोज़ाना सैकड़ों युवा और उनके परिवार आस्था के साथ आते हैं।

अनोखी है वीज़ा बालाजी की परंपरा

चिलकुर बालाजी मंदिर की एक खास परंपरा है, यहां भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए 11 परिक्रमा करते हैं। जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है, तो वे 108 परिक्रमा पूरी करके भगवान का आभार जताते हैं। यहां न तो कोई विशेष अनुष्ठान कराया जाता है और न ही कोई दानपेटी (हुंडी) रखी गई है। मुख्य पुजारी सी.एस. रंगराजन बताते हैं कि यह मंदिर 1990 के दशक से खासा प्रसिद्ध हुआ, जब पास के कॉलेजों के छात्र वीज़ा इंटरव्यू से पहले यहां आने लगे और उनकी सफलता की कहानियां फैलने लगीं। मंदिर प्रशासन ने इसे पूरी तरह “भक्ति और प्रार्थना” पर केंद्रित रखा है, जहां नकद चढ़ावे या वीआईपी विशेषाधिकार की कोई व्यवस्था नहीं है।

- Advertisement -
Ad image

परिवारों की उम्मीदों का केंद्र

इस मंदिर में केवल युवा ही नहीं, बल्कि उनके माता-पिता और परिवार के सदस्य भी बड़ी संख्या में आते हैं। खासकर वे लोग, जिनके बच्चे पहले से विदेश में रह रहे हैं, यहां भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनके बच्चों पर हमेशा आशीर्वाद बना रहे। एक श्रद्धालु सुगुना ने बताया कि उन्होंने और उनके परिवार ने अपनी बेटी के अमेरिका, फिर कनाडा और दोबारा अमेरिका जाने के समय कुल छह बार यहां दर्शन किए। यह मंदिर उन माता-पिता के लिए आशा की जगह है, जो अपने बच्चों की सुरक्षित और सफल विदेशी जिंदगी चाहते हैं।

5000 साल पुरानी विरासत

चिलकुर बालाजी मंदिर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी उतनी ही रोचक है। माना जाता है कि यह मंदिर 500 साल से भी पुराना है और इसकी स्थापना भक्तों की गहरी आस्था के चलते हुई थी। समय के साथ यह केवल धार्मिक स्थल नहीं रहा, बल्कि “अमेरिकन ड्रीम” का प्रतीक भी बन गया। हर साल हजारों आईटी प्रोफेशनल्स, छात्र और उनके परिवार यहां पहुंचते हैं। मंदिर की सादगी, आस्था और अनूठी पहचान इसे देशभर में खास बनाती है।

वीज़ा बालाजी: आशा की किरण

चिलकुर बालाजी मंदिर उन लोगों के लिए सिर्फ एक मंदिर नहीं है, बल्कि विदेशी अवसरों की तलाश करने वालों के लिए उम्मीद की जगह है। यहां आने वाला हर भक्त यह विश्वास लेकर आता है कि भगवान बालाजी उसकी मनोकामना पूरी करेंगे। चाहे वह पहली बार वीज़ा अप्लाई कर रहा छात्र हो या फिर नौकरी के लिए संघर्ष कर रहा आईटी प्रोफेशनल, सभी को यहां मानसिक सुकून और आत्मविश्वास मिलता है। यही कारण है कि 500 साल पुराना यह मंदिर आज आधुनिक सपनों और पारंपरिक आस्था का अनोखा संगम बन गया है।

Keywords Visa Balaji Temple Hyderabad, Chilkur Balaji Temple History, Hyderabad Famous Temples, Visa Temple In India, Chilkur Balaji 500 Years Old Temple, Visa Balaji Temple Traditions, Hyderabad Tourist Attractions Temples

Share This Article
कोई टिप्पणी नहीं

- Advertisement -

- Advertisement -

- Advertisement -

लेटेस्ट
चुटकी शॉट्स
वीडियो
वेबस्टोरी
मेन्यू