यूरोप में 2024 की गर्मी इतनी खतरनाक थी कि इसने 62,700 लोगों की जान ले ली। यह आंकड़ा नेचर मेडिसिन जर्नल में छपी एक रिपोर्ट में सामने आया। गर्मी की लहरों ने जलवायु परिवर्तन के खतरे को फिर से सबके सामने ला दिया। खासकर दक्षिणी यूरोप में हालात बहुत खराब रहे, जहां इटली में सबसे ज्यादा लोग प्रभावित हुए।
रिकॉर्ड तोड़ गर्मी
यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा ने बताया कि 2024 की गर्मी यूरोप की सबसे गर्म गर्मी थी। जून से सितंबर तक कई जगहों पर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के शोधकर्ताओं ने 32 यूरोपीय देशों के 654 क्षेत्रों से डेटा जुटाया। इस डेटा से पता चला कि 2024 में गर्मी से 62,700 मौतें हुईं। यह संख्या 2023 की 50,798 मौतों से 23% ज्यादा थी, लेकिन 2022 की 67,873 मौतों से थोड़ी कम थी।
महिलाएं और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित
रिपोर्ट में सामने आया कि गर्मी का सबसे बुरा असर महिलाओं और बुजुर्गों पर पड़ा। इटली में सबसे ज्यादा मौतें हुईं, क्योंकि वहां बुजुर्गों की आबादी ज्यादा है। दक्षिणी यूरोप, खासकर इटली, स्पेन और ग्रीस में दो-तिहाई मौतें दर्ज की गईं। गर्मी की लहरों ने अस्पतालों पर भारी दबाव डाला। इटली की इमरजेंसी मेडिसिन सोसाइटी ने बताया कि 2025 की गर्मी में भी कुछ इलाकों में इमरजेंसी रूम में मरीज 20% तक बढ़ गए। पहले से बीमार लोग गर्मी की वजह से और कमजोर हो गए।
जलवायु परिवर्तन की भूमिका
वैज्ञानिकों ने कहा कि जलवायु परिवर्तन ने गर्मी की लहरों को और खतरनाक बना दिया। गर्म हवा ज्यादा नमी रखती है, जिससे तापमान और उमस बढ़ती है। यह शरीर पर भारी पड़ता है, खासकर बुजुर्गों और बीमार लोगों पर। 2022 से 2024 तक गर्मी से कुल 181,000 मौतें हुईं। शोधकर्ता टोमास जानोस ने बताया कि गर्मी से होने वाली मौतें हर साल बढ़ रही हैं। 2024 में तापमान ने कई पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए।
शहरों में ज्यादा खतरा
शहरों में गर्मी का असर ज्यादा रहा। कंक्रीट की इमारतें और सड़कें गर्मी को सोख लेती हैं, जिससे रात में भी तापमान कम नहीं हुआ। इटली के मिलान और स्पेन के मैड्रिड जैसे शहरों में तापमान कई बार 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरों में गर्मी से होने वाली मौतें 30% ज्यादा थीं।
स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ
गर्मी की वजह से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई। खासकर बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग ज्यादा प्रभावित हुए। इटली में इमरजेंसी डॉक्टरों ने बताया कि गर्मी ने फ्लू सीजन जैसे हालात बना दिए। कई मरीजों को सांस लेने में दिक्कत और डिहाइड्रेशन की शिकायत हुई।
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