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‘फिलिस्तीन को अलग देश बनने नहीं देंगे’, नेतन्याहू का बड़ा ऐलान! क्या है इस कड़े रुख की वजह?

ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया द्वारा फिलिस्तीन को औपचारिक राष्ट्र के रूप में मान्यता देने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फिलिस्तीनी राष्ट्र की स्थापना का विरोध किया।

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हाल ही में ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीन को औपचारिक रूप से राष्ट्र के रूप में मान्यता देने का ऐलान किया। यह कदम गाजा में इजरायल द्वारा हमास के खिलाफ जारी सैन्य अभियान के बीच आया है। फिलिस्तीन के पक्ष में यह बड़ी कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है। दुनिया के लगभग 146 देशों ने पहले ही फिलिस्तीन को मान्यता दे रखी है, जिसमें भारत भी शामिल है। वहीं, जी-7 देशों में अब तक कनाडा और ब्रिटेन ने मान्यता की घोषणा की है, जबकि अमेरिका और अन्य देशों का रुख अब भी अडिग है।

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नेतन्याहू का सख्त रुख

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि जॉर्डन नदी के पश्चिम में फिलिस्तीनी राष्ट्र की स्थापना कभी नहीं होगी। उन्होंने इसे आतंकवादियों को इनाम देने के समान बताया और चेताया कि ऐसा कदम इजरायल के अस्तित्व को खतरे में डाल सकता है। नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस निर्णय का विरोध करेगा और फिलिस्तीनी राष्ट्र के प्रयासों को अस्वीकार करेगा।

अमेरिका यात्रा और संभावित जवाबी कार्रवाई

नेतन्याहू जल्द ही अमेरिका की यात्रा करेंगे और व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। इस बैठक के बाद इजरायल अपनी जवाबी कार्रवाई की रूपरेखा सार्वजनिक कर सकता है। इजरायल का कहना है कि फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देना 7 अक्टूबर 2023 के हमास के हमले का परिणाम माना जा रहा है, जिसमें करीब 1200 लोगों की जान गई थी। नेतन्याहू का मानना है कि फिलिस्तीन को राष्ट्र मान्यता देना आतंकवादियों के लिए प्रोत्साहन के समान होगा।

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विवाद का ऐतिहासिक और भौगोलिक कारण

फिलिस्तीन और इजरायल के बीच लंबे समय से द्वि-राष्ट्र सिद्धांत पर विवाद चल रहा है। 1967 के युद्ध में इजरायल द्वारा कब्जा किए गए वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में अब लाखों यहूदी बस गए हैं। यरुशलम को लेकर दोनों पक्षों में ऐतिहासिक विवाद है और इजरायल इन क्षेत्रों को खाली करने के लिए तैयार नहीं है। नेतन्याहू का तर्क है कि फिलिस्तीनी राष्ट्र की स्थापना इजरायल की सुरक्षा के लिए खतरा है। इस कारण इजरायल फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मानने के विरोध में है।

Keywords Israel, Benjamin Netanyahu, Palestine, UK Recognition Of Palestine, Middle East Politics, International Diplomacy, Israel-Palestine Conflict, Global News

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