केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में हलबा समाज महासंघ के स्वर्ण जयंती समारोह में जाति और आरक्षण पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने साफ कहा कि वे जातिवाद में विश्वास नहीं करते और किसी भी व्यक्ति की महानता उसकी जाति, धर्म या भाषा से नहीं, बल्कि उसके गुणों और कर्मों से तय होती है। गडकरी का यह बयान महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच आया है।
जातिवाद पर गडकरी की राय
गडकरी ने समारोह के दौरान मजाकिया अंदाज में कहा, “मैं ब्राह्मण जाति से हूं और भगवान ने हम पर बड़ा उपकार किया कि ब्राह्मणों को कोई आरक्षण नहीं मिला। मैं जातिवाद को नहीं मानता।” उन्होंने कहा कि व्यक्ति की असली पहचान उसके कर्मों और गुणों से होती है, न कि जन्म के आधार पर।
📍𝐍𝐚𝐠𝐩𝐮𝐫 | Addressing Golden Jubilee Celebration of Halba Samaj Mahasangh https://t.co/YSScA68ruQ
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) September 20, 2025
उत्तर प्रदेश और बिहार में ब्राह्मणों की भूमिका
केंद्रीय मंत्री ने महाराष्ट्र और उत्तर भारत की सामाजिक संरचना पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मराठा जाति का सामाजिक और राजनीतिक महत्व है, जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार में ब्राह्मण समुदाय की स्थिति मजबूत है। गडकरी ने बताया कि जब वे इन राज्यों की यात्रा करते हैं, तो देखते हैं कि दुबे, मिश्रा और त्रिपाठी जैसी जातियां प्रभावशाली होती हैं। उन्होंने कहा, “जैसे महाराष्ट्र में मराठा समाज महत्वपूर्ण है, वैसे ही यूपी और बिहार में ब्राह्मण समाज का प्रभाव है। फिर भी किसी भी व्यक्ति की महानता उसकी जाति से नहीं, बल्कि गुणों से होती है।”
आरक्षण न मिलने को बताया वरदान
गडकरी ने अपने जीवन अनुभव को साझा करते हुए कहा कि आरक्षण न मिलने की वजह से उन्हें उद्यमी बनने की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा, “अगर मुझे आरक्षण का लाभ मिलता तो मैं बैंक में क्लर्क या अधिकतम क्लास-1 अधिकारी बनकर रह जाता। मैंने पहले ही अपने माता-पिता से कहा था कि मैं नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनूंगा।” उन्होंने बताया कि उन्होंने बाद में व्यवसाय में कदम रखा और आज उनके उद्योगों में 15,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है।
युवाओं और समाज के लिए संदेश
अपने संबोधन के अंत में गडकरी ने कहा कि जो लोग आर्थिक रूप से मजबूत हैं और अच्छी शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे नौकरी मांगने के बजाय नौकरी देने वाला बनने की दिशा में सोचें। गडकरी ने दोहराया कि शिक्षा ही समृद्धि की असली कुंजी है और इसे अपनाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
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