खजुराहो में भगवान विष्णु की मूर्ति पर टिप्पणी को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने अपनी टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना पर सफाई दी है।
मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।”
गुरुवार को कोर्ट में उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके विष्णु प्रतिमा मामले पर दिए गए बयान को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। CJI गवई ने जोर देते हुए कहा, “मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।” मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि उनके शब्दों को गलत संदर्भ में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे धार्मिक भावना को आहत किया जा सकता है। इस मामले में CJI ने यह भी कहा कि वे धार्मिक समरसता और सभी धर्मों के सम्मान के पक्षधर हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने CJI का किया समर्थन
केंद्र सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी CJI का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि वह CJI को 10 साल से जानते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर होने वाली आलोचनाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा,पहले हम न्यूटन का नियम जानते थे कि हर एक्शन का बराबर रिएक्शन होता है. लेकिन अब हर एक्शन का सोशल मीडिया पर असंतुलित रिएक्शन होता है।
‘सोशल मीडिया बेलगाम घोड़ा…’
इस दौरान, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सोशल मीडिया एक बेलगाम घोड़ा बन चुका है, और इसका खामियाजा हम हर रोज भुगतते हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर खजुराहो की विष्णु प्रतिमा को लेकर कई तरह की अफवाहें और गलत जानकारी तेजी से वायरल हो रही थीं, जिनके कारण विवाद पैदा हो गया था। CJI का यह स्पष्टीकरण विवाद को शांत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
जानकारों की मानें तो न्यायपालिका के शीर्ष अधिकारी द्वारा इस प्रकार की सफाई से धार्मिक विवादों को कम करने में मदद मिलेगी और समाज में शांति बनी रहेगी।
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