फर्जी वेबसाइट बनाकर लाखों की ठगी करने वाले एक रैकेट का दिल्ली पुलिस ने रविवार को पर्दाफाश कर दिया है। इस रैकेट के लोग फर्जी वीजा तथा अन्य डॉक्यूमेंट बनाकर मल्टीनेशनल कंपनी में लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देता था और इसके नाम पर ठगी के धंधे को अंजाम देता था।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम ने जमरूदपुर इलाके से
फर्जी वीजा बनाकर लोगों को नौकरी देने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में दीपक पांडे,यश सिंह और वसीम अकरम शामिल है।
अपराध शाखा के डीसीपी विक्रम सिंह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ‘आरोपियों ने नौकरी तलाशने वालों से फर्जी वीजा से जुड़े दस्तावेज, रोजगार पुष्टि पत्र जारी कर लाखों रुपये वसूले हैं। गिरफ्तार लोग खुद को मल्टीनेशनल कंपनी का कर्मचारी बताता था, और विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं को ठगने का काम करता था।
दिल्ली पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बयान जारी कर बताया कि आरोपियों द्वारा एक फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट बनाए गए थे। साथ ही साथ आरोपियों द्वारा लोगों को झांसा देने के लिए अमेरिका के आधार वाला फोन नंबर का भी उपयोग करता था। झांसे में आए लोगों को फर्जी दस्तावेज जारी कर मोटी रकम वसूलत था।
दिल्ली पुलिस के अनुसार पूरा मामला तब सामने आया
जब वीएफएस ग्लोबल द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई की उसके नाम और लोगो का दुरुपयोग किया जा रहा है। शिकायत में यह भी कहा गया था कि कुछ लोग वीएफएस ग्लोबल का कर्मचारी बताते हुए लोगों से पैसे की अवैध वसूली कर रहे हैं।
गिरोह के लोग बड़े ही शातिर अंदाज में ठगी के धंधे को अंजाम देते थे। पहले उन लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर डॉक्यूमेंट चेकलिस्ट भेजा जाता था, फिर मेडिकल जांच के नाम पर पैसे की मांग की जाती थी। लोगों का अपॉइंटमेंट बुक कर ऑफर लेटर समेत सभी कागजात जारी कर दिया जाता था जिससे नौकरी की चाहत रखने वाले लोगों को पूरा भरोसा हो जाता था, फिर मोटी रकम वसूली जाती थी।
पुलिस के जांच पड़ताल में सामने आया कि अतुल कुमार टकले से 3.16 लाख रुपये की ठगी की गई। इसके साथ-साथ अन्य कई लोगों के बारे में भी जानकारी मिली जिससे गिरोह के लोग मोटी रकम ठग चुके हैं। पुलिस की छापेमारी के दौरान लैपटॉप, मोबाइल फोन, फर्जी दस्तावेज, डॉक्यूमेंट बनाने वाला सॉफ्टवेयर और बैंक खातों का विवरण बरामद किया गया है।
पुलिस के सामने मुख्य आरोपी दीपक पांडे ने अपनी करतूत को कबूल कर लिया है। उसके पास से कई सबूत भी मिले हैं। फिलहाल पुलिस उन सभी लोगों की पहचान करने में जुट गई है जो अब तक इस गिरोह के जाल में फंसकर ठगी के शिकार होते रहे हैं।
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