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सूर्य को जल चढ़ाने से बदलें किस्मत, सिर्फ 1% जानते हैं ये खास नियम

सनातन धर्म में सूर्य को जल चढ़ाने की परंपरा से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। सिर्फ 1% लोग जानते हैं इसके सही नियम और फायदे।

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सनातन धर्म में सूर्य को जल चढ़ाना एक खास परंपरा है, जिसे लाखों लोग रोजाना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके सही नियमों का पालन करने से ही सूर्य देव का आशीर्वाद मिलता है? ज्योतिष और धर्म के जानकारों का कहना है कि सही तरीके से सूर्य को जल चढ़ाने से न सिर्फ किस्मत बदलती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य और सफलता भी आती है। आइए जानते हैं कि सूर्य को जल चढ़ाने का सही तरीका क्या है और इसके पीछे का विज्ञान।

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सूर्य को जल चढ़ाने के लिए सबसे जरूरी है सही सामग्री। हमेशा तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें, क्योंकि तांबा सूर्य की ऊर्जा को आपके शरीर तक पहुंचाने में मदद करता है। लोटे में साफ पानी लें और उसमें थोड़े से अक्षत, रोली और लाल फूल डालें। ये चीजें सूर्य की किरणों को आपके शरीर तक बेहतर तरीके से पहुंचाती हैं। जल चढ़ाने का समय भी बहुत महत्वपूर्ण है। सुबह 9 बजे से पहले, जब सूर्य की किरणें सबसे शुद्ध होती हैं, तब जल अर्पित करें।

सही दिशा और मंत्र का महत्व

सूर्य को जल चढ़ाते समय आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इस दौरान ‘ऊं सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें। यह मंत्र सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा को आपके शरीर और मन तक लाता है। जल चढ़ाने के बाद जहां पानी जमीन पर गिरता है, उसे छूकर अपने माथे पर लगाएं। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है। ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश शर्मा बताते हैं कि यह प्रक्रिया रोजाना करने से शरीर की सात धातुएं मजबूत होती हैं और मानसिक शांति मिलती है।

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सूर्य को जल चढ़ाने से तीन खास चीजें जागृत होती हैं। पहला, सप्तधातु यानी शरीर की सात धातुएं, जो रोगों से बचाती हैं। दूसरा, पिंगला नाड़ी, जो आत्मविश्वास और ऊर्जा को बढ़ाती है। तीसरा, तप्त ताम्र प्रभाव, जो नकारात्मकता को खत्म कर सकारात्मक ऊर्जा देता है। यह कोई साधारण रिवाज नहीं, बल्कि आपकी दिनचर्या का हिस्सा है, जो जीवन में बदलाव ला सकता है।

क्यों खास है यह परंपरा?

सूर्य को जल चढ़ाना सिर्फ धार्मिक रिवाज नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। सुबह की सूर्य की किरणें विटामिन डी देती हैं, जो हड्डियों और इम्यूनिटी के लिए जरूरी है। तांबे के लोटे से जल चढ़ाने से पानी में कॉपर के गुण मिलते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। यह परंपरा न सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखती है, बल्कि मन को शांत और आत्मविश्वास को बढ़ाती है।

Keywords:Surya Arghya rules, Hindu rituals, water offering benefits, positive energy, spiritual practices

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