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बेहाल नेपाल के बाद अब फ़्रांस में भड़की हिंसा, सड़कों पर उतरे सैकड़ों प्रदर्शनकारी

नेपाल के बाद अब फ़्रांस के लोगों ने राष्ट्रपति मैक्रो के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया हैं। इस आंदोलन के दौरान पुलिस ने 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया है।

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नेपाल में हाल ही में हुए व्यापक प्रदर्शन के बाद अब फ्रांस की सड़कों पर भी विरोध की आग फैल गई है। देशभर में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए और उन्होंने हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ जैसी गतिविधियां शुरू कर दी। यह आंदोलन उस समय तेज हुआ जब मैक्रों ने नए प्रधानमंत्री का ऐलान किया। इसका असर इतना व्यापक हुआ कि पूरे देश में अव्यवस्था का माहौल बन गया।

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दीवारों पर नारे और विरोध का स्वर

प्रदर्शनकारियों ने अपने गुस्से का इजहार न केवल सड़कों पर बल्कि दीवारों पर नारे लिखकर भी किया। कुछ ने सीधे-सीधे लिखा, “मैक्रों और तुम्हारी दुनिया…दफा हो जाओ!” विरोध आंदोलन का संदेश स्पष्ट था। लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से “ब्लॉक एवरीथिंग” जैसे आह्वान को फैलाया, जिससे यह आंदोलन जल्दी ही पूरे देश में वायरल हो गया। फ्रांस की सड़कों पर हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं और सरकार ने बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है।

भारी पुलिस बल के बीच मचा उथल-पुथल

फ्रांस में इस समय करीब 80,000 पुलिसकर्मीयों को तैनात किया गया हैं, लेकिन इसके बावजूद स्थिति पर काबू पाना बहुत मुश्किल हो रहा है। प्रदर्शनकारियों ने कई जगह बैरिकेड तोड़ दिए और सड़कों पर अव्यवस्था पैदा कर दी। पुलिस ने गिरफ्तारियों की कार्रवाई में अबतक 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारीयों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन इसके बावजूद भी आंदोलन अपने पूरे स्वरूप में जारी है। आपको बता दें, यह आंदोलन शुरू में ऑनलाइन फैलाया गया था और लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए इसे तेजी से बड़े स्तर पर पहुंचाया।

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प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प

आंतरिक मंत्री ब्रूनो रेटैलो ने बताया कि पश्चिमी शहर रेन में एक बस को आग के हवाले कर दिया गया और दक्षिण-पश्चिम में पावर लाइन को नुकसान पहुंचाया गया है जिसके कारण कई ट्रेनों की सेवाएं बाधित हुईं। अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारी “विद्रोह का माहौल” बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पेरिस में भी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं और कचरे के डिब्बों में आग लग गई।

आखिर क्या है प्रदर्शन की वजह?

प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बेयरू को संसद में विश्वास मत हारने के बाद पद से हटाया गया और उनकी जगह सेबास्टियन लेकोर्नू को प्रधानमंत्री बनाया गया। इस राजनीतिक बदलाव के दो दिन बाद ही हजारों प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया के आह्वान पर देशभर में सड़कों पर उतर आए। आंदोलन की वजह मुख्य रूप से आर्थिक असमानता, बजट प्रस्तावों और मैक्रों के नेतृत्व के खिलाफ नाराज़गी बताई जा रही है।

क्या है ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ ?

इस नए आंदोलन को “ब्लॉक एवरीथिंग” के नाम से जाना जा रहा है। यह गर्मियों के दौरान सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड चैट्स के माध्यम से वायरल हुआ। इसमें कई तरह की मांगें शामिल हैं, जो पूर्व प्रधानमंत्री बेयरू के सख्त बजट प्रस्तावों और आर्थिक अन्याय के खिलाफ हैं। यह आंदोलन हिंसा से बचने की अपील के साथ शुरू हुआ था, लेकिन स्थिति जल्दी ही नियंत्रण से बाहर हो गई। यह आंदोलन 2018 के ‘येलो वेस्ट’ आंदोलन की याद दिलाता है, जब ईंधन कर वृद्धि के विरोध में लोग हाई-विजिबिलिटी जैकेट पहनकर ट्रैफिक चौराहों पर डेरा डाले थे।

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