- Advertisement -

अमेरिका से माफी मांगेगा भारत! ट्रंप सरकार के मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने दिया बड़ा बयान, जानिए क्यों है बेचैनी?

3 Min Read

अमेरिका टैरिफ के दम पर भारत को झुकाने की हर संभव कोशिश कर रहा है,लेकिन भारत ने अभी तक कोई कड़ा एक्शन नहीं लिया है। जिससे अमेरिका की बौखलाहट बढ़ती जा रही है। लगातार बयानबाजी हो रही है। शुक्रवार दोपहर को जहां अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत से रिश्ते खोने तक की चिंता जाहिर की थी, वहीं देर रात अमेरिका के कॉमर्स सचिव (commerce secretary) हॉवर्ड लुटनिक ने भारत को लेकर अपनी खीज निकाली है। हॉवर्ड ने कहा कि मुझे लगता है कि 1 या 2 महीने में भारत माफी मांगने के लिए तैयार होगा और बातचीत करने के लिए अमेरिका आएगा।

- Advertisement -
Ad image

अमेरिका के वाणिज्य मंत्री( commerce minister) हॉवर्ड लुटनिक ने टैरिफ पर डोनाल्ड ट्रंप के अड़ियल रुख का सपोर्ट करते हुए कहा कि भारत को माफी मांगनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि भारत के कारोबारियों को यह एहसास हो गया कि वे अमेरिका बाजार के बिना उनका कुछ नहीं हो सकता है। उन्होंने सख्त संदेश देते हुए कहा कि भाारत माफी मांगेगा और राष्ट्रपति ट्रंप के साथ समझौता करेगा।

ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में हॉवर्ड लुटनिक ने भारत की तुलना कनाडा से कर दिया। उन्होंने कहा,जब कनाडा को एहसास हुआ कि उसकी अर्थव्यवस्था डूब रही है तो वे ट्रेड डील को लेकर अपने रुख से पीछे हट गए, यही कारण है कि मुझे लगता है भारत एक या दो महीने में बातचीत की टेबल पर होगा। वे माफी मांगेंगे और राष्ट्रपति ट्रंप के साथ डील करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर होगा कि वह पीएम मोदी से कैसे निपटना चाहते हैं।

- Advertisement -
Ad image

उन्होंने ब्रिक्स देशों को चेतावनी देते हुए कहा,भारत को अमेरिका का समर्थन करने या रूस और चीन के साथ गठबंधन करने के बीच चुनाव करना होगा। ब्रिक्स में रूस और चीन के बीच की कड़ी हैं। अगर आप यही बनना चाहते हैं तो जाइए कीजिए,देखते हैं कि यह कब तक चलता है।

लुटनिक ने चेतावनी देते हुए कहा, भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर दे। ब्रिक्स का हिस्सा बनना बंद कर दे, अमेरिका और डॉलर का समर्थन करे नहीं तो 50 फीसदी टैरिफ का सामना करने के लिए तैयार रहे।

उन्होंने कहा कि भारत और चीन एक-दूसरे को सामान नहीं बेच पाएंगे,अंततः उन्हें अमेरिका आना ही होगा। भारत-अमेरिका ट्रेड वार्ता की संभावना को लेकर उन्होंने कहा,हम हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं। भारत और चीन जैसे देश अंततः अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं। लोगों को याद रखना होगा कि हमारी 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था ही दुनिया का उपभोक्ता है।

Keywords PM Modi, Pressure on India, India US Relations, Foreign Policy

Share This Article
कोई टिप्पणी नहीं

- Advertisement -

- Advertisement -

- Advertisement -

लेटेस्ट
चुटकी शॉट्स
वीडियो
वेबस्टोरी
मेन्यू