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आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने बताया 88 घंटे तक चलने वाला ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी, जानिए क्या-क्या हुआ खुलासा?

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया 88 घंटे तक चलने वाले ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी

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सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर 88 घंटे तक चलने वाले ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी बताया है। उन्होंने कहा कि आप सोच रहे होंगे कि ऑपरेशन सिंदूर 10 मई को खत्म हो गया, लेकिन ऐसा नहीं है।

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उन्होंने कहा कि यह पुस्तक ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राजनीतिक स्पष्टता( political clarity) सशस्त्र बलों को दी गई पूर्ण स्वतंत्रता और निर्णायक कार्रवाई के लिए राजनीतिक-सैन्य उद्देश्यों पर गहराई से प्रकाश डालती है। ऑपरेशन सिंदूर: द अनटोल्ड स्टोरी आफ इंडिया डीप स्ट्राइक इनसाइड पाकिस्तान, शीर्षक से जारी पुस्तक को पूर्व सैन्य अधिकारी और लेखकर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने लिखा है।

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी भारत-पाकिस्तान का संघर्ष फैसलों के स्तर पर जारी रहा. पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को शुरू हुए इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने बेहतरीन रिस्पॉन्स दिया. किताब ‘Operation Sindoor: Before and Beyond’ में पूरे घटनाक्रम और भविष्य की रणनीतियों को विस्तार से बताया गया है।

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किताब के विमोचन कार्यक्रम में भारतीय सेना की भूमिका की सराहना की और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना ने बेहतरीन रिस्पॉन्स दिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ 10 मई को शत्रुता समाप्त होने के बावजूद युद्ध वहीं खत्म नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह तय करना बड़ा सवाल था कि कब शुरुआत करनी है, कब रोकना है, कितनी ताकत और संसाधन लगाना है।

7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। सेना ने आतंकी ठिकानों पर सटीक जवाबी कार्रवाई की। जनरल द्विवेदी ने बताया कि दिग्गजों से सलाह ली गई और कई विकल्पों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हर फैसला, चाहे वह एक्शन हो या नॉन-एक्शन, भविष्य को प्रभावित करने वाला था।

आर्मी चीफ ने कहा कि पूरा ऑपरेशन एक वेव की तरह चला। 88 घंटों तक किसी को अलग से प्लानिंग या आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ा। हर कोई सिनर्जाइज्ड था और अपना काम जानता था।

आर्मी चीफ ने कहा यह किताब पूरी तरह तथ्यों पर आधारित है। और इसमें सुप्रा-स्टैटेजिक से लेकर टैक्टिकल स्तर तक की बातें शामिल हैं। इतनी छोटी किताब में इन सभी पहलुओं को कवर करना बहुत कठिन काम है, लेकिन लेखक ने इसे बखूबी एक साथ जोड़ा है।

Keywords Army Chief, Upendra Dwivedi, Pahalgam Attack, Terrorism, Terror Attack, India’s Operation

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