27 अगस्त 2025 से भारत पर अमेरिका का 50 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है। यह टैरिफ 2 हिस्सों में लगाया गया है— पहला 25 फीसदी टैरिफ 7 अगस्त से लागू था, और दूसरा 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ रूस से तेल खरीदने के कारण जुर्माने के तौर पर जोड़ा गया। अमेरिकी गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि यह टैरिफ उन भारतीय सामानों पर लागू होगा, जो 27 अगस्त को रात 12:01 बजे (ईस्टर्न डेलाइट टाइम) के बाद अमेरिका में उपयोग के लिए लाए गए हैं। भारत और ब्राजील पर यह टैरिफ सबसे ज्यादा है, जबकि अन्य देशों जैसे वियतनाम और फिलीपींस पर 20 फीसदी टैरिफ लागू है।
टेक्सटाइल और ज्वेलरी सेक्टर पर असर
भारत का टेक्सटाइल उद्योग इस टैरिफ से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला है। भारत हर साल अमेरिका को 10.9 अरब डॉलर के कपड़े और टेक्सटाइल उत्पाद निर्यात करता है। इस टैरिफ के कारण भारतीय कपड़े वियतनाम और बांग्लादेश जैसे देशों की तुलना में 30-35 फीसदी महंगे हो जाएंगे। इसी तरह, 10 अरब डॉलर का डायमंड और ज्वेलरी उद्योग भी खतरे में है। तुर्की और थाईलैंड जैसे देशों को कम टैरिफ का फायदा मिलेगा, जिससे भारतीय निर्यातक बाजार में पिछड़ सकते हैं।
अन्य प्रभावित उद्योग
टेक्सटाइल और ज्वेलरी के अलावा, मशीनरी, उपकरण, कृषि उत्पाद, प्रोसेस्ड फूड, धातु, कार्बन रसायन और हैंडीक्राफ्ट जैसे उद्योग भी इस टैरिफ की चपेट में आएंगे। भारत हर साल अमेरिका को 2 अरब डॉलर के झींगे, 2.7 अरब डॉलर के कार्बन रसायन और 7.7 अरब डॉलर की मशीनरी निर्यात करता है। इन सभी सेक्टरों में लागत बढ़ने से भारतीय उत्पादों की मांग कम हो सकती है। क्रिसिल रेटिंग्स ने चेतावनी दी है कि कुछ सामानों का निर्यात 70 फीसदी तक कम हो सकता है।
निर्यात शहरों पर संकट
भारत के तिरुपुर, नोएडा, सूरत और विशाखापट्टनम जैसे शहर, जो अमेरिका को भारी मात्रा में सामान निर्यात करते हैं, अब मुश्किल में हैं। इन शहरों में छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। इन उद्योगों के लिए बढ़ी हुई लागत को सहना मुश्किल है, जिसके कारण कई ऑर्डर रद्द हो रहे हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (एफआईईओ) ने इसे बेहद चौंकाने वाला कदम बताया है।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 अगस्त को कहा था कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और छोटे उद्योगों के हितों की रक्षा करेगा। उन्होंने साफ किया कि टैरिफ का दबाव चाहे जितना बढ़े, भारत अपने हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने रूस से तेल खरीद को भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए जरूरी बताया। भारत ने इस टैरिफ को अनुचित और अन्यायपूर्ण करार दिया है।
आर्थिक प्रभाव का अनुमान
विशेषज्ञों का कहना है कि यह टैरिफ भारत की जीडीपी को 0.2 से 0.6 फीसदी तक प्रभावित कर सकता है। 2024 में भारत ने अमेरिका को 87 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया था, जो उसका सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। इस टैरिफ से 66 फीसदी निर्यात, यानी करीब 60.2 अरब डॉलर के सामान, प्रभावित होंगे। हालांकि, दवाइयां और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर अभी इस टैरिफ से बचे हुए हैं।
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