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मलाणा: हिमाचल का रहस्यमयी गांव, जहां सिकंदर के वंशज बोलते हैं अनोखी भाषा, नहीं रुक सकता कोई दूसरा इस गांव में

हिमाचल प्रदेश का मलाणा गांव अपनी रहस्यमयी कनाशी भाषा और सिकंदर महान के वंशज होने के दावे के लिए मशहूर है। दुर्गम रास्तों और अनोखी परंपराओं वाला ये गांव दुनिया भर के सैलानियों को आकर्षित करता है।

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हिमाचल प्रदेश: भारत की गोद में छिपे अनगिनत रहस्यों में से एक है हिमाचल प्रदेश का मलाणा गांव। हिमालय की बर्फीली चोटियों और गहरी खाइयों के बीच बसा ये गांव अपनी अनोखी संस्कृति, रहस्यमयी भाषा और सिकंदर महान से जुड़े दावों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। लेकिन क्या सचमुच इस गांव के लोग सिकंदर के सैनिकों के वंशज हैं? आइए, जानते हैं मलाणा के रहस्यों को।

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मलाणा तक पहुंचना: एक चुनौतीपूर्ण सफर

पार्वती घाटी की तलहटी में बसे जरी गांव से मलाणा तक का रास्ता बेहद दुर्गम है। कोई सड़क नहीं, सिर्फ पहाड़ी पगडंडियां। करीब चार घंटे की सीधी चढ़ाई के बाद ही आप 1500 से ज्यादा लोगों की आबादी वाले इस गांव तक पहुंच सकते हैं। सैलानियों के बीच मशहूर मलाणा की प्राकृतिक सुंदरता जितनी लुभावनी है, उतने ही रोचक हैं इसके रहस्य।

सिकंदर महान का कनेक्शन

मलाणा के लोग खुद को यूनान के मशहूर राजा सिकंदर महान का वंशज बताते हैं। कहानी है कि जब सिकंदर ने भारत पर हमला किया, तो उसके कुछ सैनिकों ने इस गांव में शरण ली और यहीं बस गए। गांव में सिकंदर के समय की तलवार जैसी प्राचीन वस्तुएं मंदिर में मौजूद होने का दावा किया जाता है। हालांकि, ये अभी तक पूरी तरह साबित नहीं हुआ है, लेकिन ये कहानी मलाणा को और रहस्यमयी बनाती है।

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कनाशी: दुनिया की अनोखी भाषा

मलाणा की सबसे बड़ी खासियत है कनाशी भाषा, जो सिर्फ यहीं बोली जाती है। इसे पवित्र माना जाता है और बाहरी लोगों को सिखाने की मनाही है। इस भाषा पर कई देशों में शोध चल रहे हैं। कनाशी की रहस्यमयी प्रकृति मलाणा को दुनिया के नक्शे पर और खास बनाती है।

अनोखी परंपराएं और रीति-रिवाज

मलाणा के बुजुर्ग बाहरी लोगों से दूरी बनाए रखते हैं। वे न तो हाथ मिलाते हैं और न ही छूने की इजाजत देते हैं। दुकानों में सामान खरीदने पर दुकानदार सामान और पैसे जमीन पर रखने को कहता है। हालांकि, नई पीढ़ी इन रीति-रिवाजों को तोड़ रही है और बाहरी लोगों से खुलकर मिलती है।

यहां शादियां सिर्फ गांव के भीतर ही होती हैं। बाहर शादी करने वाले को समाज से निकाल दिया जाता है, हालांकि ऐसे मामले कम हैं। रात में बाहरी लोगों का गांव में रुकना मना है, क्योंकि स्थानीय लोग मानते हैं कि उनके देवता जमलू ने ऐसा आदेश दिया है।

पर्यटकों के लिए आकर्षण

मलाणा की प्राकृतिक सुंदरता और रहस्यमयी कहानियां दुनियाभर के सैलानियों को आकर्षित करती हैं। लेकिन गांव की सख्त परंपराएं और दुर्गम रास्ते इसे एक अनोखा अनुभव बनाते हैं। गेस्ट हाउस सिर्फ दिन में खुले रहते हैं, जिससे रात में ठहरना असंभव है।

मलाणा गांव भारत के उन गिने-चुने स्थानों में से है, जो अपनी संस्कृति, इतिहास और रहस्यों से दुनिया को हैरान करता है। क्या ये सचमुच सिकंदर के सैनिकों का गांव है? क्या कनाशी भाषा के रहस्य कभी पूरी तरह खुल पाएंगे? इन सवालों के जवाब भविष्य में शायद मिलें, लेकिन तब तक मलाणा अपनी रहस्यमयी दुनिया में खोया रहेगा। क्या आप इस अनोखे गांव को देखना चाहेंगे? अपने विचार साझा करें!

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