October 6, 2025
आज रात दुनियाभर की नजरें चांद के दीदार पर होंगी, जब उसकी सतह पर खास भेद साफ नजर आएंगे।
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दरअसल इस दुर्लभ नजारे को सुपरमून के नाम से जाना जाता है। सुपरमून इसलिए भी कहा जाता है कि इस दिन चांद पृथ्वी के सबसे करीब होता है।
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इस दिन चांद अपने आकार से बड़ा और चमकीला नजर आता है, जिसे सुपरमून या हार्वेस्ट मून कहा जाता है, जो सबसे खूबसूरत नजारा पेश करता है।
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चांद सामान्य पूर्णिमा से 14% बड़ा और 30% ज्यादा चमकीला नजर आएगा, जिससे आसमान में इसकी चमक और भी अधिक मनमोहक लगेगी।
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नासा के अनुसार, सुपरमून तब होता है जब पूर्ण चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है, जिससे वह बड़ा और चमकीला नजर आता है।
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चांद इस बार पृथ्वी से सिर्फ 224,600 मील दूर होगा, जो सामान्य दूरी से करीब 10 प्रतिशत कम होने के कारण बड़ा और चमकीला दिखेगा।
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दुनिया भर के लोग बिना किसी खास उपकरण के अपनी आंखों से साफ-साफ और बड़े सुपरमून का अद्भुत नजारा देख सकेंगे, जो बेहद खूबसूरत होगा।
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सुपरमून देखने का सबसे अच्छा समय चांद के सबसे ऊपर आने पर होता है, जब उसकी चमक और आकार दोनों अधिक महसूस होते हैं।
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इस रात आसमान साफ होने पर सुपरमून के साथ-साथ अन्य ग्रह और तारे भी स्पष्ट दिखाई देंगे, जो खगोलीय दृश्य को और खास बनाएंगे।
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सुपरमून का प्रभाव समुद्र की लहरों पर भी पड़ता है, जिससे ज्वार-भाटा सामान्य से अधिक तीव्र हो सकते हैं, खासकर समुद्री किनारों पर।
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